माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्य नडेला ने डाटा प्राइवेसी को बताया मानव अधिकार
भारतीय मूल के सत्य नडेला माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ हैं. उनके विचार दुनिया बहुत ही ध्यान से सुनती है. दावोस में उन्होंने डाटा प्राइवेसी पर बात कर एक नये मुद्दे पर पहल की है.
नई दिल्ली: माइक्रोसॉफ्ट के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सत्य नडेला ने डाटा प्राइवेसी पर बड़ा बयान दिया है. दावोस में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के एक सेशन में उन्होंने कहा कि डाटा प्राइवेसी को मानव अधिकार के तौर पर देखा जाना चाहिए. और इसकी सुरक्षा पूरी पारदर्शिता के साथ होनी चाहिए. उन्होंने सीईओ के वेतन-भत्ते और अन्य सुविधाओं पर बहस का समर्थन किया.
डाटा प्राइवेसी पर सत्य नडेला के विचार
सत्य नडेला से पूछा गया कि कंपनी को ऊंचाई पर ले जाने के लिए कौन सा तरीका अपनाते हैं. इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ''कंपनी के कोर बिजनेस को अपनाकर जब आप अच्छा करते हैं तब आपके आसपास अच्छा होता है. संस्थाएं और लोग हमारे समाज का हिस्सा हैं. अगर आप बड़े पैमाने पर नहीं सोचते तो ये स्थायी नहीं है.''
'हर देश पहले अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा की चिंता करता है'
अमेरिका-चीन में तकनीक और अर्थव्यवस्था के अलगाव पर सत्य नडेला ने कहा कि हर देश पहले अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा की चिंता करता है. उन्होंने कहा कि 30 साल का समय बाजार की सफलता के लिए बेहतरीन समय रहा है. लेकिन हमें तरक्की करने की जरूरत है क्योंकि दुनिया थोड़ा ज्यादा जटिल हो गई है. उन्होंने अपने अमेरिका प्रवास और सॉफ्टवेयर कंपनी में शामिल होने पर भी विचार रखे.
नडेला के मुताबिक तकनीक में भरोसे के लिए ज्यादा नियम की जरूरत है. निजता के बारे में नडेला की राय है कि डाटा का सम्मान बहुत अहम है और बड़ी मात्रा में डाटा के प्रवाह को सुनिश्चित बनाकर ही समाज की भलाई की जा सकती है. दुनिया में डाटा का कैसे इस्तेमाल हो रहा है? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि डाटा सम्मान के लिए ज्यादा काम किए जाने की जरूरत है. नडेला ने इस बात पर जोर दिया कि हमें अपनी जिम्मेदारी को त्यागने में जल्दबाज नहीं होना चाहिए. हम कुछ नियमों का समर्थन करते हैं और इसका पालन सॉफ्टवेयर प्रैक्टिस के दौरान भी किये जाने की जरूरत है.