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दाउद इब्राहिम के करीबी जबीर मोती को नहीं मिली जमानत
ब्रिटेन की एक अदालत ने माफिया सरगना दाऊद इब्राहिम के करीबी सहयोगी पाकिस्तानी नागरिक जबीर मोती को जमानत देने से मना कर दिया है. जज ने कहा है कि उसके फरार होने का खतरा है.
लंदन: ब्रिटेन की एक अदालत ने माफिया सरगना दाऊद इब्राहिम के करीबी सहयोगी पाकिस्तानी नागरिक जबीर मोती को जमानत देने से मना कर दिया है. जज ने कहा है कि उसके फरार होने का खतरा है. वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट की अदालत में 51 वर्षीय जबीर को कल पेश किया गया. स्कॉटलैंड यार्ड के अधिकारियों ने पिछले सप्ताह उसे गिरफ्तार किया था. ब्रिटेन के अभियोजन ने कहा कि मोती मनीलॉन्ड्रिंग और फिरौती के आरोपों का सामना कर रहा है जिसके तार आतंकवादी कारनामों के साथ ही मादक द्रव्य की तस्करी से जुड़े हैं. इसके लिए उसे अधिकतम 25 साल की सजा हो सकती है.
जज कोलमेन ने मोती को जमानत देने से इंकार करते हुए कहा कि आरोप बेहद गंभीर किस्म के हैं. यह मानने के ठोस आधार हैं कि वह अदालत में पेश नहीं होगा और आगे और वारदात करेगा. जज ने अमेरिकी अधिकारियों की ओर से प्रत्यर्पण के अनुरोध की बात भी कही . अदालत में जो विवरण सामने आया है उसके मुताबिक मोती 10 साल के वीजा पर ब्रिटेन आया था और इस हफ्ते 22 अगस्त को ब्रिटेन से जाने वाला था.
सुनवाई के दौरान मोती के वकील ने भारतीय मीडिया में आ रही खबरों के कारण सुरक्षा चिंताओं पर अदालत में मीडिया पर रोक लगाने का अनुरोध किया. लेकिन जज ने अनुरोध को ठुकरा दिया. जज ने कहा कि हमारे पास इस देश में न्याय का खुला तंत्र है. उन्होंने कहा कि इस बात पर विचार किया जा सकता है कि खुली अदालत में उसके ब्रिटेन का पता प्रसारित नहीं किया जाए. अमेरिका में मनीलॉन्ड्रिंग, ब्लैकमेल करने की साजिश रचने, मादक द्रव्यों के आयात के आरोपों पर स्कॉटलैंड यार्ड की प्रत्यर्पण इकाई ने मोती को गिरफ्तार किया था.
उसकी तरफ से वकील टोबी कैडमेन ने पैरवी की. उन्होंने वारंट में लगाए गए आरोपों के संबंध में कुछ मुद्दे उठाए. जबीर को दाऊद इब्राहिम का दाहिना हाथ समझा जाता है जो ब्रिटेन, संयुक्त अरब अमीरात और दुनिया के अन्य हिस्सों में उसके निवेश से जुड़े मामलों को देखता था.
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