Defence News: रूस की सेना में जल्द शामिल होगी हाइपरसोनिक जिरकॉन क्रूज मिसाइल, जानें खासियत, भारत को कैसे होगा फायदा?
Zircon Hypersonic Missiles: रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) ने कहा कि मिसाइल (Missile) दुनिया की दूसरी मिसाइलों से बिल्कुल अलग होगी. इसके लिए रूस ने नए नेवी डाॉक्ट्रिन को साइन किया.
Russia To Get Zircon Hypersonic Missile: रूस की सेना आने वाले महीनों में जिरकॉन हाइपरसोनिक मिसाइल सिस्टम से लैस हो जाएगी. देश के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) ने रविवार को इसकी घोषणा की है. नौसेना दिवस परेड के दौरान उन्होंने कहा कि नौसेना की क्षमताओं में लगातार सुधार हो रहा है. जिरकॉन हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल (Zircon Hypersonic Missile) सिस्टम अजेय है और दुनिया में इसका कोई जोड़ नहीं है. उन्होंने दावा किया जल्द ही इस मिसाइल की डिलीवरी शुरू हो जाएगी.
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) ने कहा कि ये मिसाइल (Missile) दुनिया की दूसरी मिसाइलों से बिल्कुल अलग होगी. इसके लिए रूस ने नए नेवी डाक्टरिन को साइन किया है.
जिरकॉन हाइपरसोनिक मिसाइल जल्द नौसेना में शामिल
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने जिरकॉन हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल के जल्द ही नौसेना में शामिल होने का एलान कर दिया है. रूस के राष्ट्रपति ने साफ तौर से कहा है कि ये उन सभी देशों के लिए एक चेतावनी है जो हमारी संप्रभुता और आजादी को आंख दिखाते हैं. बता दें कि ध्वनि की रफ्तार से करीब 9 गुना तेज गति से दूरी तय करने वाले इस घातक हाइपरसोनिक मिसाइल का परीक्षण पिछले साल रूस ने अपने युद्धपोत और सबमरीन से किया था.
हाइपरसोनिक जिरकॉन क्रूज मिसाइल की खासियत?
रूस (Russia) ने जिस मिसाइल के बारे में जल्द नौसेना (Russian Navy) में शामिल करने का जिक्र किया है वो एक एंटी शिप मिसाइल है. ये मिसाइल ध्वनि की रफ्तार से करीब 9 गुना तेज गति से दुश्मन पर हमला बोलने में सक्षम है. इसकी रफ्तार 11,000 किमी प्रति घंटा है. इस मिसाइल सिस्टम को युद्धपोत एडमिरल गोर्शकोव पर तैनात किया जाएगा. इसकी लंबाई करीब 30 फीट है. ये 1500 किलोमीटर की दूरी तक टारगेट को भेदने में सक्षम है. ये मिसाइल 300-400 किलोग्राम वॉरहेड को भी ले जा सकती है. इसके साथ ही ये परमाणु हमला करने में भी पूरी तरह से सक्षम है.
भारत के साथ रणनीतिक सहयोग बढ़ाने पर जोर
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) ये मानते हैं कि उनके देश के पास किसी भी संभावित हमले को मात देने के लिए सैन्य ताकत है. नए नेवल डॉक्ट्रिन पर हस्ताक्षर किए गए हैं, जिसमें नौसेना (Navy) के रणनीतिक मकसदों को निर्धारित किया गया है. इसमें रूस की प्राथमिकता भारत (India) के साथ रणनीतिक और नौसैनिक सहयोग बढ़ाने को लेकर भी है. इसके साथ इराक, ईरान, सऊदी अरब समेत कई और देशों के साथ सहयोग विकसीत करने की बात है. वह अपने सैन्य बलों का इस्तेमाल महासागरों में उपस्थिति को बढ़ाने में कर सकता है.
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