वाशिंगटन: अमेरिका में डेमोक्रेटिक पार्टी के एक वरिष्ठ सांसद ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर अमेरिकी पैसे को समझदारी से खर्च ना करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा है कि कोविड-19 वैश्विक महामारी के दौरान वेंटिलेटर दान करने के नाम पर ट्रंप प्रशासन की तरफ से 20 करोड़ डॉलर कथित तौर पर उन देशों के पक्ष में खर्च किए गए जिन्हें राष्ट्रपति ने व्यक्तिगत रूप से चुना.


संसद की विदेश संबंध समिति के सदस्य, रॉबर्ट मेनेंडेज ने कहा कि जिन देशों को जीवन रक्षक प्रणाली मुहैया कराई गई उनमें रूस, भारत और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं. डोनाल्ड ट्रंप को लिखे एक पत्र में मेनेंडेज ने कहा कि महामारी के दौरान वेंटिलेटर भेजने के लिए कांग्रेस (अमेरिकी संसद) की अधिसूचना की उपेक्षा करने का ट्रंप प्रशासन का निर्णय संदेहास्पद है.


अमेरिकी पैसे को समझदारी से खर्च किया जाए


मेनेंडेज ने कहा, “वर्तमान में कोविड-19 संकट की व्यापकता और खतरे को देखते हुए यह आवश्यक है कि हम सहायता के रूप में दिए जा रहे अमेरिकी पैसों को समझदारी से खर्च करें.” उन्होंने कहा, “जिन देशों को वेंटिलेटर की जरूरत है उन्हें देना अच्छी बात है लेकिन किसी भी अन्य सहायता की तरह यह भी लाभकारी और पारदर्शी तरीके से दी जानी चाहिए.''


वेंटीलेटर दिए गए देशों का कोई स्पष्टीकरण नहीं


इसके लिए राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (एनएससी) और अमेरिकी अंतरराष्ट्रीय विकास एजेंसी (यूएसएआईडी) को वेंटिलेटर के संबंध में अधिक पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करनी चाहिए.” मेनेंडेज ने आरोप लगाया कि यूएसएआईडी के चुनिंदा देशों को वेंटिलेटर दिए गए और इसका कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया गया.


उन्होंने कहा कि ट्रंप प्रशासन के केवल 40 देशों को 7,500 वेंटिलेटर देना अमेरिकी विदेश संबंधों का संभावित राजनीतिकरण दर्शाता है. साथ ही इससे अमेरिकी अंतरराष्ट्रीय विकास एजेंसी की गैर-राजनीतिक सहायता एजेंसी की छवि को भी धक्का लगा है.


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