Afghanistan Crisis: UNHCR ऑफिस के बाहर अफगान शरणार्थियों का प्रदर्शन, जानें क्या है उनकी मांग
Afghanistan Crisis: अफगान नागरिकों ने सोमवार को दिल्ली में यूएनएचसीआर ऑफिस के सामने एक तीसरे देश में शरणार्थी कार्ड और पुनर्वास विकल्पों की मांग को लेकर प्रदर्शन किया.
Afghanistan Crisis: अफगान नागरिकों ने सोमवार को नई दिल्ली में संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चायुक्त (यूएनएचसीआर) ऑफिस के सामने एक तीसरे देश में शरणार्थी कार्ड और पुनर्वास विकल्पों की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया. वसंत विहार में यूएनएचसीआर ऑफिस में बड़ी संख्या में अफगान नागरिक जमा हुए और पुनर्वास के लिए शरणार्थी का दर्जा/कार्ड की मांग की. तालिबान ने पिछले हफ्ते अफगानिस्तान में दो दशक के युद्ध की समाप्ति की घोषणा की थी. बता दें कि जब से तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जा किया है, अफगान नागरिक युद्धग्रस्त देश से बाहर निकलने की हर संभव कोशिश कर रहे हैं.
शरणार्थी की स्थिति की मांग करने वाले अफगान नागरिकों की बढ़ती संख्या के जवाब में यूएनएचसीआर ने कहा कि भारत में शरणार्थियों और शरण चाहने वालों को अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा प्राप्त करने के लिए यूएनएचसीआर या यूएनएचसीआर के भागीदारों से संपर्क करने की जरूरत है. यूएनएचसीआर ने कहा, "सीमित संख्या में स्थानों के कारण वर्तमान में वैश्विक स्तर पर 1 प्रतिशत से भी कम शरणार्थियों का पुनर्वास किया गया है. इस कारण से केवल आर्थिक रूप से कमजोर शरणार्थियों को ही पुनर्वास के लिए प्राथमिकता दी जा सकती है."
Delhi: Afghan nationals continue their protest in front of United Nations High Commissioner for Refugees (UNHCR) office in Vasant Vihar, demanding refugee status/cards for all Afghans and resettlement options to a third country pic.twitter.com/UrgIRdH32A
— ANI (@ANI) August 23, 2021
यूएनएचसीआर ने कही ये बड़ी बात
संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी ने आगे कहा कि वे अफगान शरणार्थियों को अपना समर्थन बढ़ा रहे हैं और बहुत कमजोर शरणार्थियों को प्राथमिकता दे रहे हैं. यूएनएचसीआर ने कहा, "हम सहायता के लिए पंजीकरण और दस्तावेजीकरण के माध्यम से अफगान शरणार्थियों और शरण चाहने वालों को अपना समर्थन बढ़ा रहे हैं, बहुत कमजोर व्यक्तियों को प्राथमिकता दे रहे हैं." कई देशों ने अनिश्चित सुरक्षा स्थिति के कारण अपने नागरिकों और राजनयिक कर्मियों को अफगानिस्तान से निकालने का सहारा लिया है और कुछ ने सीमित संख्या में अफगान शरण चाहने वालों को लेने का संकल्प लिया है.
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