No Bank Robberies: इस देश ने बनाया अनूठा रिकॉर्ड, पिछले 1 साल में नहीं हुई एक भी बैंक लूट की घटना, ये है वजह
Denmark में हाल के वर्षों में आई हार्ड कैश के उपयोग में गिरावट ने एक खास उपलब्धि दर्ज कराई है. राष्ट्र के वित्तीय कर्मचारी संगठन के अनुसार, यहां पिछले 1 साल में बैंक डकैती का कोई केस नहीं आया है.
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Latest Trending News: आमतौर पर बैंक लूट वाली वारदातें मीडिया की सुर्खियां बनती हैं, कुछ लूट बड़ी होती हैं तो कुछ छोटी. तमाम मुस्तैदी के बाद भी इस तरह के मामले सामने आ जाते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि दुनिया में एक ऐसा भी देश है जहां पिछले 1 साल में बैंक लूट या डकैती का एक भी केस सामने नहीं आया है. वह देश अपने इस खास मौके को जमकर सेलिब्रेट भी कर रहा है. हम जिस देश की बात कर रहे हैं, उसका नाम है डेनमार्क. यहां हाल के वर्षों में हार्ड कैश के उपयोग में गिरावट की वजह से ऐसा हुआ है. राष्ट्र के वित्तीय कर्मचारी संगठन के अनुसार, डेनमार्क ने बिना बैंक डकैतियों के पहला साल पूरा कर लिया है.
वर्ष 2017 से अब तक 10 से भी कम लूट केस
संगठन ने सोमवार को एक बयान में दावा किया कि चूंकि समाज नकदी पर अब न के बराबर निर्भर है, संस्थानों ने अपनी नकदी सेवाओं को कम कर दिया है, ऐसे में डकैतियों की संभावना कम हो गई है. फिनानफॉरबंडेट संघ के उपाध्यक्ष स्टीन लुंड ऑलसेन ने एएफपी को दिए एक बयान में कहा, "यह काफी आश्चर्यजनक है क्योंकि कैश के मामले में बैंक के कर्मचारियों पर काफी दबाव रहता है." यूनियन ने 2000 में 221 बैंक डकैतियों की सूचना दी, जो 2017 के बाद से धीरे-धीरे घटकर 10 से कम हो गई हैं.
बैंक कर्मचारी भी महसूस कर रहे हैं राहत
डेनमार्क के केंद्रीय बैंक के एक अध्ययन के अनुसार, पिछले साल के मार्च में कैश का उपयोग वर्ष 2017 की तुलना में भुगतान के 23 प्रतिशत से घटकर 2021 में 12 प्रतिशत हो गया था. जबकि डकैतियों के मामले में भी कमी आई है. यहां पिछले 1 साल में बैंक में डकैती का कोई मामला ही सामने नहीं आया है. वह कहते हैं कि, वित्त कर्मचारियों के संगठन ने देखा कि "कई बैंक कर्मचारी जिन्हें पहले लूट लिया गया, वे काफी दिनों तक चिंता, उदासी, चिड़चिड़ापन, बेचैनी और अनिद्रा से जूझते हैं. अब जबकि ऐसे मामले लगभग खत्म हो गए हैं तो बैंक कर्मचारी भी काफी राहत महसूस कर रहे होंगे.
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