(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Russia Ukraine War: जान बचाने के लिए सुरंग में छिपे हैं महिलाएं और बच्चे, कहा- 57 दिन से सूरज नहीं देखा
रूस-यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध में यूक्रेन के नागरिक अपनी जिंदगी बचाने की जद्दोजहद भी कर रहे हैं. महिलाएं और बच्चे सुरंगों में शरण लिए हुए हैं और बाहर निकले के लिए व्याकुल हो रहे हैं.
Russia Ukraine War- रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने यूक्रेन के मारियुपोल शहर पर कब्जा करने का दावा किया है. इन सब के बीच एक वीडियो सामने आया है जिसकों लेकर दावा किया जा रहा है कि महिलाएं और बच्चे भूमिगत सुरंगों में छिपे हुए हैं और लंबे समय से बाहर नहीं निकले हैं. ये बच्चे और महिलाएं बाहर निकलना चाहते हैं और उनका खाना भी खत्म हो रहा है.
शनिवार की सुबह यूक्रेन के नेशनल गार्ड के एजोव रेजीमेंट के संयंत्र में छिपे हुए सदस्यों ने करीब दो दर्जन महिलाओं और बच्चों की वीडियो फुटेज जारी की है. जिनमें से कुछ ने कहा है कि वे दो महीनों से मिल की भूमिगत सुरंगों में शरण लिए हुए हैं और लंबे समय से बाहर नहीं निकले हैं. इस वीडियो में एक महिला ये कहते हुए दिखाई दे रही है कि हमारा खाना खत्म हो रहा है और हम घर जाना चाहते हैं.
इसके अलावा वीडियो में एक लड़का भी है जो कह रहा है कि पिछले दो महीनों से वो यहां पर है और यहां से बाहर निकलना चाहता है. वीडियो में वो कह रहा है कि मुझे सूरज देखना है, यहां पर बहुत अंधेरा है बाहर जैसा माहौल बिल्कुल नहीं है. जब हमारे घर दोबारा बन जाएंगे तब हम शांति से फिर रह सकते हैं. यूक्रेन को जीत जाने दो, यूक्रेन हमारा पैतृक घर है.
रेजिमेंट के उप कमांडर स्वीतोस्लाव पालामार ने कहा कि यह वीडियो बृहस्पतिवार को बनाया गया था. उसी दिन रूस ने शेष मारियुपोल पर विजय की घोषणा की थी. हालांकि, वीडियो में मौजूद सामग्री की स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं की जा सकी. यूक्रेनी अधिकारियों के मुताबिक मारियुपोल में एक लाख से अधिक लोग फंसे हुए हैं.
सैनिक बच्चों को बांट रहे मिठाई
अजोवस्तल की फुटेज में सैनिक बच्चों को मिठाइयां देते नजर आ रहे हैं. इसमें एक बच्ची यह कहते हुए देखी जा सकती है कि उसने और उसके सगे-संबंधियों ने 27 फरवरी को घर छोड़ने के बाद से खुला आसमान या सूरज नहीं देखा है. रूसी सैनिकों की करीब दो महीनों की घेराबंदी के दौरान 20,000 से अधिक नागरिक मारियुपोल में मारे गए हैं.