इस्लामाबादी की एक निचली अदालत ने पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को तोशाखाना मामले में दोषी करार दिया है. उन्हें 3 साल की सजा सुनाई गई है. कोर्ट के फैसले के तुरंत बाद इस्लामाबाद पुलिस ने इमरान को गिरफ्तार कर लिया. इस साल इमरान की यह दूसरी गिरफ्तारी है.
तोशाखाना का मामला अगस्त 2022 में सुर्खियों में आया था, जब चुनाव आयोग ने इमरान पर कार्रवाई की थी और उन्हें अयोग्य करार दिया था.
केस में इमरान की तीसरी पत्नी बुशरा बीबी की एंट्री ने पीटीआई सुप्रीमो की मुश्किलें बढ़ा दी थी. दिसंबर 2022 में बुशरा बीबी के 2 ऑडियो लीक हुए थे, जिसके बाद कोर्ट और प्रशासन हरकत में आया. निचली अदालत ने इसके बाद सुनवाई की रफ्तार तेज कर दी.
दिसंबर में लीक हुए ऑडियो में बुशरा बीबी एक अधिकारी से इमरान को गिफ्ट में मिले घड़ियों के बेचने के लिए कह रही थीं. कोर्ट ने भी माना है कि इमरान खान और उनके परिवार ने गलत तरीके से सामानों को बेचा है.
इमरान खान के तोशाखाना केस में फंसने की पूरी कहानी विस्तार से जानते हैं...
निचली अदालत ने अपने फैसले में क्या कहा है?
जियो टीवी के मुताबिक इस्लामाबाद के जिला सत्र अदालत ने तोशाखाना मामले में इमरान को दोषी करार दिया है. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश हुमायूं दिलावर ने अपने फैसले में कहा- पीटीआई अध्यक्ष के खिलाफ संपत्ति की गलत घोषणा के आरोप साबित हुए हैं.
तोशाखाना केस में इमरान पर आरोप है कि प्रधानमंत्री पद का दुरुपयोग करते हुए राज्य के कब्जे वाले उपहारों को गलत तरीके से बेचा, जिसकी कीमत 50 करोड़ से अधिक था. इमरान के साथ ही तोशखाने मामले में उनकी पत्नी को भी आरोपी बनाया गया है.
निचली अदालत के फैसले पर इमरान के वकील ने कहा है कि इसे तुरंत चुनौती दी जाएगी. हम कानून लड़ाई लड़ते रहेंगे. इमरान की टीम ने सुप्रीम कोर्ट का रूख किया है.
आयोग का फैसला, ऑडियो लीक और ऐसे फंसे इमरान
1. पाकिस्तानी डेमोक्रेटिक मूवमेंट ने मसला छेड़ा
तोशाखाना मामले को सबसे पहले पाकिस्तान की सत्ताधारी दल पाकिस्तानी डेमोक्रेटिक मूवमेंट (PDM) ने उठाया. पीडीएम ने चुनाव आयोग को एक शिकायत में कहा कि इमरान ने उपहार बेचने के मामले में गलत जानकारी दी.
इसके बाद चुनाव आयोग ने विस्तृत आदेश में कहा कि इमरान ने उपहार बेचने का आरोप सही है. इसलिए पाकिस्तान के पीपुल्स रिप्रजेंटेशन एक्ट 63 (1) के तहत उन्हें अयोग्य करार दिया जाता है. इमरान ने आयोग के फैसले को गलत बताया और कोर्ट का रूख किया.
इमरान ने अपने दलील में कहा कि तोशाखाना का मामले में कुछ नहीं है. साजिशन मुझे फंसाने की कोशिश की जा रही है. इमरान इसके बाद पाकिस्तान के सेना पर हमलावर हो गए.
2. बुशरा बीबी का ऑडियो टेप होने लगा वायरल
दिसंबर 2022 में बुशरा बीबी का 2 ऑडियो टेप वायरल हो गया. एक में बुशरा बीबी जुल्फिकार बुखारी से बात कर रही थी, तो दूसरे में इनाम खान से. पाकिस्तान मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उपहार बेचने में बुखारी और इनाम ने बड़ी भूमिका निभाई थी.
बुखारी से बातचीत के दौरान बुशरा इमरान को गिफ्ट में मिले घड़ियों को बेचने के लिए कह रही थीं. वहीं इमान को किसी बात के लिए डांट रही थीं. वायरल होने के बाद बुखारी और इनाम की प्रतिक्रिया भी आई. इसके बाद आपराधिक शाखा ने बुशरा को भी नोटिस थमा दिया.
हालांकि, बुशरा बीबी अब तक जांच एजेंसी के सामने पूछताछ के लिए पेश नहीं हुई हैं. इमरान को सजा मिलने के बाद माना जा रहा है कि बुशरा बीबी पर भी बड़ी कार्रवाई हो सकती है.
बुशरा बीबी के लीक ऑडियो में क्या था?
8 दिसंबर 2022 को बुशरा बीबी का पहला ऑडियो टेप मीडिया के सामने आया. इसमें बुशरा बीबी प्रधानमंत्री कार्यालय में काम कर रहे जुल्फिकार बुखारी से इमरान की घड़ियों को बेच देने की बात कह रही हैं. हालांकि, बुशरा का कहना है कि इमरान के किसी भी घड़ी को बेचा नहीं गया है.
वहीं दूसरा ऑडियो 16 दिसंबर को लीक हुआ, जिसमें एक इनाम खान से बुशरा बात कर रही हैं. बुशरा इस ऑडियो में इनाम से नाराजगी जाहिर कर रही हैं. कथित ऑडियो के मुताबिक बुशरा इनाम को कह रही हैं कि घर में जिन लोगों को सामान लाने भेजते हो, वो वीडियो बनाने लगता है.
इनाम को डांटते हुए बुशरा कहती हैं- मैंने तुमसे कहा था कि जिन सामानों को बाहर भेजना है, सिर्फ उन्हीं का वीडियो बनाना है.
3. कोर्ट में इमरान की दलील- नहीं दे सकते जानकारी
इस मामले में जब कोर्ट में सुनवाई शुरू हुई तो इमरान खान के वकीलों ने अजब-गजब दलीलें देना शुरू कर दिया. इमरान के वकीलों का कहना था कि गिफ्ट राष्ट्रीय सुरक्षा का मसला है. अगर इसकी जानकारी हम सामने रखेंगे तो उपहार देने वाले देशों से रिश्ते बिगड़ सकते हैं.
इस्लामाबाद हाईकोर्ट में इमरान के वकीलों ने कहा कि निचली अदालत में जिस तरह से इस मामले को सौंपा गया है, वो गलत है. इमरान के वकीलों का कहना था कि जस्टिस दिलावर पक्षपाती फैसला लेने वाले जज हैं, इसलिए किसी अन्य कोर्ट में इस मामले को ट्रांसफर किया जाए.
हालांकि, कोर्ट ने उनकी याचिकाएं खारिज कर दी. इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि आप जाकर वहां सबूत दीजिए.
पाकिस्तान में तोशाखाना का नियम क्या है?
तोशाखाना फारसी शब्द है, जिसका मतलब होता है- खजाना घर. पाकिस्तान में राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री, मंत्री या किसी अफसर को जब विदेश में कोई महंगा उपहार मिलता है, तो उसे यहां रखा जाता है. इसकी स्थापना साल 1974 में हुई थी. तोशाखाने में पैसा जमा करने के बाद संबंधित व्यक्ति अपना गिफ्ट वापस ले सकता है.
तोशाखाना नियम के मुताबिक अगर तोहफा 10 हजार पाकिस्तानी रुपए की कीमत वाला होता है तो बिना कोई पैसा चुकाए इसे संबंधित व्यक्ति रख सकता है. इमरान पर आरोप है कि करोड़ों की गिफ्ट के बारे में उन्होंने कोई जानकारी नहीं दी.