Chinese App Ban: चीन के कुचक्र से निपटने के लिए भारत की 'डिजिटल स्ट्राइक'! 200 से ज्यादा चाइनीज ऐप्स ब्लॉक
China News: चीन अपनी धौंस जमाने के लिए भारत के खिलाफ कई तरीके अपनाता रहा है. भारतीय सुरक्षा-तंत्र कई जांच और विश्लेषण के आधार पर उससे निपटता है. भारत सरकार ने पहले भी सैकड़ों डेंजर ऐप्स को बैन किया.
Chinese App Ban In India: भारत में फिर चीन (China) से संबंधित हानिकारक ऐप्स को प्रतिबंध किया जा रहा है. आज गृह मंत्रालय की ओर से इस बारे में जानकारी दी गई. अधिकारियों ने बताया कि इलेक्ट्रॉनिक्स और इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी मिनिस्ट्री (MeitY) ने इमरजेंसी और अर्जेंट आधार पर सट्टा लगाने वाले 138 ऐप्स और लोन देने वाली 94 ऐप्स को बैन और ब्लॉक करने का प्रोसेस शुरू किया है.
भारत सरकार ने यह फैसला इन ऐप्स के चीनी कनेक्शन सामने आने के बाद लिया है. रिपोर्टों में कहा गया है कि सरकार ने लगभग छह महीने पहले 288 चीनी ऐप्स का विश्लेषण शुरू किया था. पता चला कि ये ऐप्स भारतीय नागरिकों के निजी डेटा तक पहुंच सकते थे. यह कदम इसकी पुष्टि करने के बाद उठाया गया कि ये ऐप आईटी अधिनियम की धारा 69 का उल्लंघन कर रहे हैं, क्योंकि इनमें ऐसी सामग्री है, जो भारत की संप्रभुता और अखंडता के लिए हानिकारक है.
138 सट्टेबाजी तो 94 लोन देने वाले ऐप पर बैन
एक अधिकारी ने कहा, 'केंद्रीय गृह मंत्रालय की सिफारिश पर इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) द्वारा भारत में लगभग 230 चीनी ऐप्स पर ये प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया गया है. सरकार ने यह प्रतिबंध "अत्यावश्यक" और "आपातकालीन" आधार पर लगाया है, जिसमें 138 सट्टेबाजी और 94 लोन देने वाले ऐप को बैन किया जा रहा है.
पहले 250 चीनी ऐप्स पर लगाया गया था बैन
पिछले कुछ वर्षों में, सरकार ने "भारत की संप्रभुता-अखंडता, रक्षा-सुरक्षा और सार्वजनिक व्यवस्था को खतरा" होने का हवाला देते हुए लगभग 250 चीनी ऐप्स पर प्रतिबंध लगाया है. चीन के कई ऐप्स दुनियाभर में बड़े लोकप्रिय हैं. जिनमें TikTok, Xender और PUBG Mobile Shein शामिल हैं. इनके अलावा भारत में Camscanner, Garena Free Fire सहित अन्य ऐप्स को भी प्रतिबंधित कर दिया गया था, क्योंकि वे यूजर्स का संवेदनशील डेटा एकत्र करते थे और यूजर्स से कई तरह की परमिशन मांगते थे. एक रिपोर्ट में यह बताया गया था कि एप्स के जरिए सर्वर से मिले डेटा को चीन में अनुचित तरीके से यूज किया जा रहा था. यह सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 69A का भी उल्लंघन था.
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