दुनिया के कई धर्मों सहित सनातन धर्म में मंदिरों का खास महत्व है. हर मंदिर के अपने नियम और कानून हैं जिस कारण वें दुनिया भर में चर्चित रहते हैं. हालांकि जापान का एक ऐसा मंदिर है जो अपने अजीब इतिहास के लिए दुनिया भर में जाना जाता है. इस मंदिर का नाम 'तलाक मंदिर' है. यहां आपको बता दें कि इस मंदिर में न तो तलाक कराए जाते हैं और ना ही किसी देवी-देवता की पूजा यहां होती है.
क्यों बनाया गया था तलाक मंदिर ?
जापान में स्थित इस मंदिर का नाम मात्सुगाओका टोकेई-जी है जिसे तलाक मंदिर के नाम से भी जाना जाता है. 12वीं और 13वीं शताब्दी की शुरुआत में यह मंदिर महिलाओं को आध्यात्म से जोड़ने के लिए बनाया गया था. उस दौर में महिलाओं की सामाजिक स्थिति काफी खराब थी और उनके पास मूल अधिकार ना के बराबर थे.
12वीं और 13वीं शताब्दी के दौरान जापान के समाज में केवल पुरुषों के लिए ही तलाक लेने की व्यवस्था थी. उन दिनों पुरुष अपनी पत्नियों को काफी आसानी से तलाक दे सकते थे. ये मंदिर उन महिलाओं के लिए बनाया गया था जो अपनी शादी में खुश नहीं थी या घरेलू हिंसा की शिकार थी.
1285 में एक बौद्ध नन काकुसान शिदो-नी ने इस मंदिर को बनाया था. यह तलाक मंदिर उन दिनों से इन असहाय महियाओं का सहारा बना. इस मंदिर में ऐसी परेशान महिलाओं को रहने की जगह और सपोर्ट मिलता था. वह अपना पूरा जीवन यहां आध्यात्म में लीन होकर बिता देती हैं.