India Canada Tension: भारत और कनाडा के संबंधों में आई गिरावट के बीच पाकिस्तान लगातार मामले को तूल दे रहा है. ऐसे में पाकिस्तान की भूमिका भी सवालों के घेरे में आ गई है. कई मीडिया रिपोर्टों में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई और कनाडा में खालिस्तानी संगठन के बीच संबंध होने का संकेत दिया गया है.


कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने ब्रिटिश कोलंबिया में जून में सिख अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत सरकार के एजेंटों के 'संभावित संबंध' होने का आरोप लगाया था, जिसके बाद से तनाव आए दिन बढ़ता जा रहा है. इसमें पाकिस्तान ने आग में घी डालने का काम किया है.


भारत-कनाडा विवाद पर पाकिस्तान ने क्या कहा है?


पाकिस्तान ने निज्जर की हत्या में भारत की कथित भूमिका को 'अंतरराष्ट्रीय कानून और संयुक्त राष्ट्र की संप्रभुता के सिद्धांत का स्पष्ट उल्लंघन' बताया है. बीबीसी के मुतबिक पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मुमताज जेहरा बलूच ने यह घटना एक लापरवाह और गैर-जिम्मेदाराना है, जो एक विश्वसनीय अंतरराष्ट्रीय साझेदार के रूप में भारत की विश्वसनीयता और बढ़ी हुई वैश्विक जिम्मेदारियों के उसके दावों पर सवाल खड़ा करती है. 


लेकिन एक सवाल है जो उठ रहा है, वो ये है कि क्या पाकिस्तान खालिस्तानी संगठनों को खाद-पानी दे रहा है? न्यूज़ 18 ने भारतीय खुफिया सूत्रों से हवाले से कहा है कि कनाडा के वैंकूवर में खालिस्तानी तत्व पाकिस्तान के आईएसआई एजेंटों से "फंड" ले रहे हैं.


इमीग्रेशन के नाम पर लेते हैं पैसे


सूत्रों ने कथित तौर पर दावा किया कि खालिस्तानी तत्व 'प्रवास' की आड़ में भारतीय छात्रों से पैसे लेते हैं और उस पैसे का इस्तेमाल कनाडा में भारतीय उच्चायोग के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने के लिए करते हैं.  आउटलुक ने खुफिया सूत्रों के हवाले से बताया है कि लगभग पांच दिन पहले कनाडा में आईएसआई एजेंटों ने वैंकूवर में कई खालिस्तानी संगठनों के नेताओं से मुलाकात की थी. 


आउटलुक के मुताबिक, इस मुलाकात में सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) का प्रमुख गुरपतवंत सिंह पन्नून भी शामिल था. इस बैठक के दौरान 'प्लान-के' नाम की एक रणनीति तैयार की है, जिसे 'बड़े पैमाने पर' भारत विरोधी प्रचार करने के लिए इस्तेमाल किया जाएगा. 


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