Xi Jinping to Joe Biden: अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की इंडोनेशिया में जी20 समिट में मुलाकात हुई. चीन और अमेरिका की इस बैठक में ताइवान के मुद्दे को अहम माना जा रहा था. अब इस मुद्दे को लेकर दोनों की तरफ से बयान सामने आए हैं. चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा है कि अमेरिका 'लक्ष्मण रेखा' पार न करे, तो वहीं जो बाइडेन कहा है कि जिनपिंग ने शांति को खतरे में डाला है.


अमेरिका के राष्ट्रपति बनने के बाद जो बाइडेन ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ पहली व्यक्तिगत मुलाकात की है. ये मुलाकात ऐसे वक्त में हुई है जब दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय रिश्ते सबसे खराब दौर से गुजर रहे हैं. हालांकि, बाइडेन और जिनपिंग ने एक दूसरे के साथ हंसते हुए हाथ मिलाया. जिनपिंग ने बाइडेन से कहा कि दोनों देशों के समृद्ध होने प्रतिस्पर्धा करने के लिए दुनिया बहुत बड़ी है और रेड लाइन क्रॉस नहीं करने की चेतावनी भी दी.


बाइडेन से क्या बोले जिनपिंग?


बीजिंग के विदेश मंत्रालय से जारी बयान में कहा गया है कि शी ने इंडोनेशिया के बाली में तीन घंटे की बातचीत के दौरान बाइडेन से कहा, ‘वर्तमान परिस्थितियों में चीन और अमेरिका एक दूसरे से लगभग समान हित साझा करते हैं. शी ने कथित तौर पर कहा कि बीजिंग अमेरिका को चुनौती देने या मौजूदा अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को बदलने की कोशिश नहीं करता है, दोनों पक्षों से एक-दूसरे का सम्मान करने का आह्वान करता है.


लेकिन शी ने बाइडेन को चेतावनी भी दी है कि ताइवान को लेकर बीजिंग की रेड लाइन क्रॉस ने करें, इसे चीन की सरकार अपना क्षेत्र मानती है. जहां तक ताइवान का सवाल है वो चीन के मूल हितों में है. ताइवान का समाधान सिर्फ चीन के लोगों का मामला है.


यूक्रेन युद्ध को लेकर भी हुई दोनों नेता के बीच चर्चा


इन सभी चीजों के अलावा, दोनों नेताओं ने यूक्रेन युद्ध को लेकर भी चर्चा की. दोनों ही नेताओं ने युद्ध को लेकर अपनी चिंता व्यक्त की. जिनपिंग ने कहा कि चीन हमेशा से शांति के पक्ष में रहा है और शांति वार्ता को प्रोत्साहित करना जारी रखेगा. हम रूस और यूक्रेन के बीच शांति वार्ता की बहाली का समर्थन करते हैं. तो वहीं बाइडेन ने कहा कि परमाणु युद्ध कभी नहीं लड़ा जाना चाहिए, वो कभी भी जीता नहीं जा सकता. उन्होंने यूक्रेन में परमाणु हथियारों के उपयोग या खतरे को भी रेखांकित किया.


बाइडेन ने जिनपिंग से क्या कहा?


तो वहीं, जो बाइडेन ने शी जिनपिंग से कहा कि वॉशिंगटन चीन के साथ तेजी के साथ प्रतिस्पर्धा करना जारी रखेगा, लेकिन यह प्रतियोगिता संघर्ष में नहीं बदलनी चाहिए. व्हाइट हाउस ने प्रतिद्वंद्वी महाशक्तियों के बीच संघर्ष से बचने के उद्देश्य से तीन घंटे की बातचीत के बाद कहा कि बाइडेन ने चीन के ताइवान के प्रति आक्रामक और तेजी से आक्रामक कार्रवाई पर आपत्ति जताई. इसके साथ भी उन्होंने उत्तर कोरिया के मिसाइल परीक्षण को लेकर भी चिंता जाहिर की और कहा कि दुनिया को उत्तर कोरिया को जिम्मेदारी से कार्य करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए.


ये भी पढ़ें: China Taiwan Tension: उकसा रहा ड्रैगन! ताइवान में दिखे चीन के 36 फाइटर जेट और 3 नौसेना के जहाज