Banned Virginity Test in Pakistan: पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की एक महिला डॉक्टर को उनके पद से बर्खास्त कर दिया गया है. अलीजा गिल नाम की महिला डॉक्टर ने एक नाबालिग बलात्कार पीड़िता का कौमार्य परीक्षण (वर्जिनिटी टेस्ट) किया जिसपर पाकिस्तान में पूरी तरह से बैन लगा हुआ है. पंजाब सरकार ने मंगलवार को ही उनकी सेवा समाप्त कर दी.


मंगलवार को सुनवाई के दौरान, लाहौर उच्च न्यायालय (एलएचसी) के न्यायाधीश फारूक हैदर ने 10 वर्षीय बलात्कार पीड़िता से जुड़े इस मामले पर सुनवाई की. इसी 10 वर्षीय बलात्कार पीड़िता का डॉ गिल द्वारा टू-फिंगर परीक्षण किया गया था.


न्यायाधीश ने सुनवाई करते हुए कहा, "किसी भी परिस्थिति में इस तरह का टेस्ट नहीं किया जा सकता है ना मेडिकोलीगल रिपोर्ट में इसे दर्ज किया जा सकता है.'' बता दें कि  2020 में लाहौर हाई कोर्ट ने बलात्कार परीक्षाओं में टू-फिंगर कौमार्य परीक्षण के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया था.


न्यायमूर्ति फारूक ने प्रतिबंध के बावजूद अस्पतालों में परीक्षण किए जाने पर चिंता जाहिर की. उन्होंने कहा,''  डॉक्टर कानून के खिलाफ चिकित्सा प्रमाणपत्र जारी कर रहे हैं. यह बहुत गंभीर मामला है और इसे नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए."


पंजाब सरकार ने बताया- डॉ. गिल की सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं


पंजाब सरकार ने अदालत को सूचित किया कि उन्होंने नाबालिग बलात्कार पीड़िता का कौमार्य परीक्षण करने के लिए डॉ. गिल की सेवाएं समाप्त कर दी हैं. उन्होंने यह भी कहा कि, LHC के फैसले के अनुसार, महिला यौन उत्पीड़न पीड़ितों की मेडिकोलीगल जांच के संबंध में पूरे प्रांत में डॉक्टरों को निर्देश जारी किए गए हैं, जिसमें इस बात पर जोर दिया गया है कि कौमार्य परीक्षण नहीं किया जाना है.


इसके साथ ही पंजाब सरकार के वकील राज मकसूद ने कोर्ट को बताया कि पंजाब के सर्जन मेडिकल ऑफिसर ने पीड़िता की जांच के लिए एक नए मेडिकल बोर्ड के गठन की भी सिफारिश की है.