UAE Job Scarcity: संयुक्त अरब अमीरात दूसरे अरब खाड़ी देशों की तरह अपने देश के नागरिकों के जॉब के लिए पब्लिक सेक्टर का उपयोग करना चाहता है, लेकिन 34 साल के रिसर्चर खलीफा अल-सुवेदी कहते हैं कि अब समय बदल गया है. खलीफा अल-सुवेदी खुद सरकारी जॉब को छोड़कर प्राइवेट जॉब की तलाश में निकल चुके हैं. उन्होंने कहा कि हम उस मुकाम पर पहुंच चुके हैं, जहां हमारे पास कौशल और विशेषज्ञता के मामले में बहुत विविधता है. 


अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन के आंकड़ों के अनुसार, देश के कुल नब्बे मिलियन से अधिक निवासियों में से सिर्फ 12 फीसदी संयुक्त अरब अमीरात के नागरिक हैं. देश में प्राइवेट सेक्टर में 90 फीसदी से अधिक नौकरियों में विदेशी शामिल हैं. अब संयुक्त अरब अमीरात अपने देश के लोगो को प्राइवेट जॉब के एरिया में प्राथमिकता देना चाहता है. सरकार ने ऐलान किया है कि किसी भी प्राइवेट कंपनी को 1 जनवरी से कम-से-कम 2 फीसदी जॉब देश के नागरिकों को देनी जरूरी है.


सरकारी नौकरी जैसी सैलरी की मांग
द यूएई आफ्टर द अरब स्प्रिंग नामक आने वाली किताब के लेखक अल-सुवेदी ने कहा कि उनका मानना ​​है कि कुछ नियोक्ताओं ने उनके आवेदन को नजरअंदाज कर दिया क्योंकि उन्होंने माना कि एक अमीराती अक्सर आकर्षक सरकारी पदों पर भुगतान किए जाने वाले हाई सैलरी की मांग करेगा. उन्होंने कहा कि निजी क्षेत्र को और अधिक उदार होने की जरूरत है. मैं कुछ समय से नौकरियों के लिए आवेदन कर रहा हूं, कोई फायदा नहीं हुआ.


खाड़ी देशों में रहने वाले
संयुक्त अरब अमीरात जैसे खाड़ी देशों में सबसे ज्यादा भारतीय काम करते हैं. इसके अलावा वहां बांग्लादेश, नेपाल और पाकिस्तान जैसे देशों में रहने वाले लोग ज्यादा रहते हैं. जब से संयुक्त अरब अमीरात ने 2 फीसदी वाली स्कीम की घोषणा की तबसे ही सबसे ज्यादा खतरा भारतीय लोगों के लिए खड़ी हो गई है.


लोकल टैलेंट को मौका देना
देश की सरकार का खास मकसद है, वहां के लोकल टैलेंट को मौका देना. इसके लिए सरकार साल 2026 तक कम-से-कम हर प्राइवेट सेक्टर में 10 फीसदी लोगों को जॉब देने की योजना बना रही है. एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार संयुक्त अरब अमीरात 2020 में दुनिया के 10 सबसे अमीर देशों में शामिल रहा है और साल 2022 में जीडीपी 47,000 डॉलर से ज्यादा हो गया, जिसके बाद उसने ब्रिटेन, फ्रांस को पीछे छोड़ दिया. दुबई जैसी आर्थिक जगह पर बेरोजगारी दर साल 2012 में 2.5 फीसदी से बढ़कर 2019 में 4.2 फीसदी तक बढ़ गई है.


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