बीजिंग: डोकलाम गतिरोध के कारण भारत-चीन संबंधों पर ‘काफी गहरा दबाव’ था, भले ही कूटनीतिक माध्यम से इसका हल निकाल लिया गया था. यह बात चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने नयी दिल्ली के दौरे में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के साथ बैठक में कही.
वांग ने सुषमा से कहा कि भारतीय सीमा पर तैनात सैनिक जून में ‘अवैध रूप से जब चीनी क्षेत्र में घुस गए’ तो द्विपक्षीय संबंधों पर इसका बुरा असर हुआ. चीन के विदेश मंत्री रूस-भारत-चीन (आरआईसी) के विदेश मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेने के लिए नयी दिल्ली गए थे.
वांग ने कहा कि गतिरोध भले ही कूटनीतिक माध्यमों से दो महीने बाद खत्म हो गया लेकिन इससे सबक सीखा जाना चाहिए और भविष्य में इस तरह की घटना से बचने के लिए प्रयास किए जाने चाहिए. उनके बयान को चीन के विदेश मंत्रालय की वेबसाइट पर पोस्ट किए गए.
उन्होंने कहा, ‘‘गतिरोध से द्विपक्षीय संबंधों पर गहरा दबाव बन गया था.’’ वांग ने कहा कि चीन-भारत के संबंध महत्वपूर्ण दौर में हैं और दोनों देशों को वास्तव में परस्पर विश्वास बढ़ाना चाहिए.
डोकलाम में 73 दिनों तक चले गतिरोध के बाद चीन के किसी शीर्ष नेता की नयी दिल्ली की यह पहली यात्रा थी.