नई दिल्लीः डोकलाम को लेकर चीन एकबार फिर सीनाजोरी कर रहा है. डोकलाम में सड़क चौड़ी करने और सेना बढ़ाने पर चीन के विदेश मंत्रालय का बयान सामने आया है. चीनी विदेश मंत्रालय का कहना है कि डोकलाम हमारा हिस्सा इसलिए सेना की मौजूदगी विवाद का मुद्दा नहीं होना चाहिए अपनी संप्रभुता की रक्षा करना हमारा अधिकार है.


आपको बात दें कि चीन ने डोकलाम में उस जगह के पास बड़ी संख्या में अपने सैनिकों को तैनात कर रखा है जहां 73 दिन तक भारत और चीन की सेनाओं के बीच गतिरोध रहा था. इससे संकेत मिलता है कि दोनों देशों की सेनाओं के बीच सीमा पर तनाव अभी तक कम नहीं हुआ है.


सूत्रों ने कहा कि डोकलाम में चीन अपने सैनिकों की संख्या धीरे धीरे बढ़ा रहा है जिससे स्थिति और बिगड़ सकती है. हालांकि भारत की ओर से डोकलाम में किसी भी तरह की गतिविधि होने से इंकार किया गया है.



डोकलाम पठार में चुंबी घाटी में चीनी बलों की मौजूदगी की वजह से तनाव पसरे होने का संकेत वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल बी एस धनोआ ने भी दिया है.


उन्होंने कहा, ‘‘दोनों पक्ष सीधे तौर पर आमने-सामने नहीं हैं. हालांकि चुंबी घाटी में अब भी उनके जवान तैनात हैं और मैं आशा करता हूं कि वे वापस चले जाएंगे क्योंकि इलाके में उनका अभ्यास पूरा हो गया है.’’ डोकलाम को लेकर चीन और भूटान के बीच क्षेत्रीय विवाद रहा है और भारत इस मुद्दे पर भूटान का समर्थन कर रहा है.


भारत और चीन की सेनाओं के बीच डोकलाम में 16 जून से 73 दिन तक गतिरोध की स्थिति बनी रही थी. इससे पहले भारत की सेना ने चीन की सेना के विवादित क्षेत्र में एक सड़क के निर्माण पर रोक लगा दी थी.


गतिरोध के दौरान भूटान और भारत एक दूसरे से संपर्क में रहे जो 28 अगस्त को समाप्त हुआ.इस तरह की भी खबरें हैं कि चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने यातुंग में अग्रिम चौकी पर सैनिकों की संख्या और बढ़ा दी है.