बीजिंग:  चीन ने शुक्रवार को जापान को फटकार लगाते हुए कहा कि वह चीन, भारत सीमा विवाद पर 'बिना सोचे-समझे' बयानबाजी करने से बाज आए. यदि वह इस मुद्दे पर भारत का समर्थन करना चाहता भी है, तो ऐसी स्थिति में भी वह इस तरह की अनर्गल बयानबाजी करने से बचे.


चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने कहा, "हमें पता चला है कि भारत में जापान के राजदूत इस विवाद पर भारत का समर्थन करना चाहते हैं. मैं उन्हें याद दिलाना चाहती हूं कि वह संबद्ध तथ्यों को स्पष्टता से समझे बिना इस तरह की अनर्गल बयानबाजी नहीं करें."

दरअसल जापान ने डोकलाम विवाद पर भारत का समर्थन किया है, जिसके बाद चीन की यह प्रतिक्रिया आई है. वहीं भारत में जापान के राजदूत ‘केन्जी हिरामात्सू’ ने कहा, “यह क्षेत्र विवादित है और जापान समझता है कि भारत इस विवाद में क्यों उलझा है.


हुआ ने जापान के राजदूत हिरामात्सू की बातों को झुठलाया है. इससे पहले जापानी राजदूत हिरामात्सू ने कहा था कि डोकलाम एक विवादित क्षेत्र है और किसी भी देश को ताकत के बल पर इसकी यथास्थिति में बदलाव नहीं करना चाहिए.

हुआ ने कहा,  "डोकलाम के ‘डोंगलांग’ क्षेत्र में कोई क्षेत्रीय विवाद नहीं है और जो सीमा निर्धारित की गई है  उसे ही दोनों पक्षों ने स्वीकार किया है. सेना की मदद से अतिक्रमण के जरिये इस क्षेत्र की यथास्थिति में बदलाव का प्रयास चीन की ओर से  नहीं, बल्कि भारत की ओर से किया जा रहा है.”

इसके अलावा हुआ चुनयिंग ने भारत से तत्काल प्रभाव से अपनी सेनाएं डोकलाम से हटाने को कहा है. आपको बता दें कि  डोकलाम में जून से ही भारत और चीन के बीच गतिरोध बना हुआ है.


हुआ ने आगे कहा, “इस संकट के समाधान हेतु संवाद के लिए, भारत को बिना शर्त अपनी सेनाएं हटानी होंगी.  गौरतलब है कि डोकलाम भूटान और चीन के बीच विवादित क्षेत्र है. भारत का कहना है कि यह क्षेत्र भूटान का है और चीनी सैनिक इस क्षेत्र में घुस आए हैं, जिससे भारत के रणनीतिक हित प्रभावित होते हैं.

आपको ये भी बताते चलें कि जापान ऐसा पहला देश है, जिसने डोकलाम विवाद पर खुलकर भारत का समर्थन किया है.