(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
अमेरिकी H-1B वीजा होगा अब काफी महंगा, ट्रंप प्रशासन ने फीस बढ़ाने की तैयारी की
कोरोना वायरस को लेकर जूझ रहे अमेरिका ने हाल ही में चीन से आने वाले स्नातक छात्रों और शोधार्थियों के अमेरिका में प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया था.वहीं अब अमेरिकी प्रशासन H-1B वीजा को 22 फीसदी और L-1 वीजा की फीस भी 77 फीसदी बढ़ा सकता है.
अमेरिकी प्रशासन ने भारतीय आईटी पेशेवरों के सबसे पसंदीदा H-1B वीजा को महंगा करने की तैयारी कर ली है. खबरों के मुताबिक ट्रंप प्रशासन इसकी फीस 22 फीसदी बढ़ा सकता है. इसके साथ ही L-1 वीजा की फीस भी 77 फीसदी बढ़ने की संभावना है.
यूएस सिटिजनशिप एंड इमिग्रेशन सर्विसेज यानी USCIS ने इसका प्रस्ताव इमिग्रेशन एंड रेगुलेटरी अफेयर्स के व्हाइट हाउस दफ्तर को भेज दिया है. दरअसल USCIS इस वक्त वित्तीय संकट से जूझ रही है. वीजा फीस से उसकी इनकम में काफी गिरावट आई है. अगर जुलाई तक उसे सरकार से 1.2 अरब की फंडिंग नहीं मिली तो उसे अपने 18,700 कर्मचारियों में से आधे को बिना वेतन के छुट्टी पर भेजना पड़ सकता है. समझा जाता है कि USCIS वीजा फीस बढ़ा कर वह इस समस्या को सुलझाना चाहती है.
वीजा फीस बढ़ाने का प्रस्ताव पिछले साल नवंबर में आया था. इसमें फॉर्म I-129 के लिए अलग-अलग फीस बढ़ोतरी की सिफारिश की गई थी. इनमें बढ़ोतरी होने से H-1B वीजा में 22 फीसदी की बढ़ोतरी हो जाएगी. इस वीजा के लिए फीस बढ़कर 560 डॉलर तक पहुंच सकती है. जबकि L-1 इंट्रा कंपनी ट्रांसफर वीजा की फीस बढ़कर 815 डॉलर तक पहुंच सकती है.
इस बीच, नैसकॉम ने वीजा फीस में बढ़ोतरी के इस प्रस्ताव का विरोध किया है. उसका कहना है कि सिर्फ अमेरिकी संसद को ही वीजा फीस बढ़ाने पर फैसला लेने का अधिकार है. आप्रवासियों के हितों के लिए काम करने वाले अमेरिकन इमिग्रेशन लॉयर्स एसोसिएशन और अमेरिकन इमिग्रेशन काउंसिल ने भी ट्रंप प्रशासन से वीजा फीस बढ़ोतरी का फैसला वापस लेने की मांग की है. दोनों संगठनों का कहना है कि इससे अमेरिकी कारोबार को चोट पहुंचेगी.
क्या है H-1B वीजा H-1B वीजा एक गैर अप्रवासी वीजा है. यह किसी कर्मचारी को अमेरिका में छह साल काम करने के लिए जारी किया जाता है. अमेरिका में कार्यरत कंपनियों को यह वीजा ऐसे कुशल कर्मचारियों को रखने के लिए दिया जाता है जिनकी अमेरिका में कमी हो. भारतीय आईटी कंपनियां ज्यादातर इसी वीजा पर अपने कर्मचारियों को अमेरिका भेजती हैं.
क्या है L-1 वीजा L-1 वीजा भी एक गैर अप्रवासी वीजा है. यह तीन महीने से पांच साल तक अमेरिका में काम करने की इजाजत देता है. इसे ज्यादा से ज्यादा सात साल तक बढ़ाया जा सकता है.
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