वाशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को विदेस मंत्री के उत्तर कोरिया के आगामी दौरे को रद्द कर दिया है. इसके अलावा परमाणु संपन्न देश के निरस्त्रीकरण के प्रयासों को लेकर चीन की आलोचना की. ट्रंप ने ट्वीट कर कहा, 'मैंने विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ से अभी उत्तर कोरिया नहीं जाने को कहा है. मुझे लगता है कि हम कोरियाई प्रायद्वीप के परमाणु निरस्त्रीकरण के संबंध में पर्याप्त प्रगति नहीं कर रहे हैं.' ट्रंप ने कहा, 'इसके अलावा चीन के साथ हमारी सख्त व्यापार स्थिति के चलते मुझे नहीं लगता कि वह परमाणु निरस्त्रीकरण की प्रक्रिया में मदद कर रहे हैं. जैसा वह पहले कर रहे था.'





एक अन्य ट्वीट में ट्रंप ने कहा कि पोम्पिओ निकट भविष्य में उत्तर कोरिया जा सकते हैं. यह चीन-अमेरिका के व्यापार संबंधों के सुलझने पर निर्भर करेगा. ट्रंप ने कहा, 'तब तक के लिए मैं चेयरमैन किम को गर्मजोशी से भरा सलाम भेजता हूं. मैं उनसे जल्द मिलने की कामना करता हूं.'


अमेरिका ने उत्तर कोरिया से बातचीत करने के लिए स्टीफन बीगन को विशेष दूत नियुक्त किया था. बीगन को नियुक्त करने का कारण यह था कि वे उत्तर कोरिया को परमाणु निरस्त्रीकरण करने के लिए मना सकें. अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने उत्तर कोरिया की तीन बार यात्रा की है. यह उनकी चौथी यात्रा थी जिसे रद्द कर दिया है.


माइक ने पिछली यात्रा के दौरान उन्होंने भारत और अमेरिका के बीच होने वाली टू प्लस टू मीटिंग को टाल दिया था. अमेरिका के साथ भारत की विदेश मंत्री और रक्षा मंत्री स्तर की बैठक होनी थी. इस बैठक को टालने के लिए पोम्पियो ने बाद में खेद भी प्रकट किया था. इस बैठक में भारत की ओर से विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण भाग लेने वाली थी. वही अमेरिका की ओर से विदेश मंत्री माइक पोम्पियो और रक्षा मंत्री जिम मैटिस भाग ले रहे थे.


परमाणु निरस्त्रीकरण को लेकर अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रम्प और उत्तर कोरिया के तानाशाह किम के बीच मुलाकात हो चुकी है. जून महीने में दोनों के बीच यह मुलाकात सिंगापुर के सांगरीला होटल में हुई. यह एक शांति वार्ता भी थी क्योंकि अमेरिका, जापान और दक्षिण कोरिया के साथ उत्तर कोरिया से संबंधों को सुधारने की भी कोशिश की थी.