ट्रंप ने कर दिया खेल! अमेरिका से भारतीयों को डिपोर्ट करने वाले एक्ट के बचाव में उतारा ये 'इंडियन' वकील
Who Is Abhishek Kambli: अपने चुनाव अभियान में किए गए वादे के मुताबिक, ट्रंप बड़ी संख्या में अवैध अप्रवासियों को वापस भेज रहे हैं. भारत सरकार इस मामले में प्रशासन का सहयोग कर रही है.

Deportation: अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद अवैध अप्रवासियों को उनके देश डिपोर्ट किया जा रहा है. इसे अंजाम देने के लिए डोनाल्ड ट्रंप ने करीब दो सदी पुराने एक कानून को फिर से एक्टिव किया है और इसका भारी विरोध किया जा रहा है. इसके लिए डोनाल्ड ट्रंप को कानूनी लड़ाई भी लड़नी पड़ रही है.
अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे लोगों को निर्वासित करने के लिए ट्रंप शासन ने एलियन एनिमीज एक्ट 1798 का इस्तेमाल किया है. भले ट्रंप भारतीयों को डिपोर्ट कर रहे हों लेकिन एक्ट के इस्तेमाल का बचाव करने के लिए उन्होंने एक भारत में जन्मे वकील अभिषेक कांबली को चुना है. हजारों अवैध अप्रवासियों में लगभग 400 भारतीय शामिल थे.
कौन हैं अभिषेक कांबली?
भारतीय-अमेरिकी वकील और अमेरिकी न्याय विभाग में डिप्टी एसोसिएट अटॉर्नी जनरल अभिषेक कांबली, 1798 के एलियन एनिमीज एक्ट के ट्रंप प्रशासन का बचाव कर रहे हैं. यह अधिनियम राष्ट्रपति को गैर-नागरिकों को हिरासत में लेने, स्थानांतरित करने या निर्वासित करने की ताकत देता है. ट्रंप प्रशासन ने इसे लागू किया गया है, लेकिन अब इसे अदालत में चुनौती दी जा रही है.
भारत में जन्मे कांबली तीन साल की उम्र में अमेरिका चले गए. फोस्टर एंड फ्रेंड्स पॉडकास्ट में उन्होंने बताया कि उनका पालन-पोषण बहुत ही गरीबी में हुआ और कहा कि उनके पिता एक गैस स्टेशन चलाते थे, जबकि उनकी मां बैंक में काम करती थीं. अपना करियर बनाने से पहले उन्होंने फिलाडेल्फिया के एक छोटे से लिबरल आर्ट्स स्कूल में पढ़ाई की. हालांकि बाद में उन्होंने अपने पिता की सलाह पर अमल किया और कानून की पढ़ाई की.
कानून की पढ़ाई करने के बाद कांबली ने पीछे मुड़कर नहीं देखा
कांबली अमेरिकी सेना में जज एडवोकेट जनरल के पद पर शामिल हुए, जहां उन्होंने अभियोजन और बचाव पक्ष दोनों के मामलों को संभाला. इसी दौरान उनकी मुलाकात अपनी पत्नी से हुई. उनके करियर में लगातार उछाल आया. उन्होंने 2019 से 2023 तक असिस्टेंट यूनाइटेड स्टेट्स अटॉर्नी के तौर पर काम किया, फिर डिप्टी एसोसिएट अटॉर्नी जनरल की भूमिका निभाने से पहले अगले दो सालों के लिए स्पेशल लिटिगेशन और संवैधानिक मुद्दों के लिए डिप्टी अटॉर्नी जनरल बने.
यह कानूनी लड़ाई कार्यपालिका और न्यायपालिका के बीच व्यापक लड़ाई के बीच सामने आई है, क्योंकि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कई आदेशों को न्यायपालिका ने चुनौती दी है. कांबली ओबामा प्रशासन की ओर से नियुक्त जस्टिस जेम्स बोसबर्ग के खिलाफ बहस कर रहे हैं. इन्हीं जस्टिस ने निर्वासन उड़ानों को रोकने का आदेश दिया था. कांबली ने तर्क दिया कि चूंकि उड़ानें पहले से ही अंतरराष्ट्रीय जलक्षेत्र में थीं, इसलिए उन्हें वापस नहीं बुलाया जा सकता था. जस्टिस ने इस तर्क को अविश्वसनीय पाया.
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