पनामा: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप लगातार विवादों में बने हुए हैं. हालिया मामले में पनामा में अमेरिका के राजदूत जॉन फिली ने ये कहते हुए इस्तीफा दे दिया है कि वे ट्रंप को अब अपनी सेवा नहीं दे सकते हैं. उन्होंने अपना इस्तीफा विदेश मंत्रालय को भेजा है. आपको बता दें कि एक डिप्लोमैट रहने के अलावा जॉन एक मरीन कॉर्प हेलीकॉप्टर पायलट भी रह चुके हैं.


इस्तीफे में उन्होंने लिखा है, "अपने पद पर रहते हुए मैनें ट्रंप और उनकी सरकार के लिए समर्पित रहने और गैर-राजनीति रहने की शपथ ली थी. इस शपथ का पालन इसकी मांग करता है कि भले मैं उनकी राजनीति से असहमत हूं लेकिन उनके प्रति समर्पित रहूंगा. मेरे ट्रेनर्स ने मुझे सिखाया था कि अगर मैं ऐसा नहीं कर पा रहा तो मुझे इस्तीफा दे देना चाहिए. लगता है अब इस्तीफे का समय आ गया है."


इस्तीफे में लिखी गई बातों से ये साफ है कि जॉन ने ट्रंप की राजनीति से क्षुब्ध होकर इस्तीफा दिया है. अपने राजनीति में आने से लेकर लगातर विवादों में बने रहे ट्रंप को लेकर विवाद यहीं वहीं थमे बल्कि अफ्रीकी देशों ने भी ट्रंप से माफी की मांग की है.


अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बयान से ‘अत्यधिक निराश’ अफ्रीकी देशों के एक ग्रुप ने मांग की कि ट्रंप अपना बयान वापस लें और माफी मांगे. आपको बता दें कि ट्रंप ने हैती और अफ्रीकी देशों के इमिग्रेंट्स को डिफेंड करने के कुछ अमेरिकी सांसदों की कोशिश को लेकर निराशा जाहिर करते हुए पूछा कि अमेरिका को इन ‘मलिन’ (शिटहोल) देशों के नागरिकों को क्यों स्वीकार करना चाहिए.


ट्रंप के इस बयान पर विचार करने के लिए एक इमरजेंसी सेशन के बाद संयुक्त राष्ट्र में अफ्रीकी राजदूतों के एक ग्रुप ने कहा कि वे इस उनको नीचा दिखाने और लोगों की निंदा कर अफ्रीका और वहां के लोगों के प्रति अमेरिकी प्रशासन के रवैये से चिंतित हैं. एक बयान में ट्रंप से कमेंट वापस लेने और माफी की मांग करते हुए कहा गया है कि ग्रुप बहुत ही निराश है और अमेरिका के राष्ट्रपति की घृणित, नस्लवादी और दूसरे देश के लोगों के प्रति नफरत भरे कमेंट्स की कड़ी निंदा करता है.


साथ ही ग्रुप ने उन अमेरिकी लोगों का भी आभार जताया जिन्होंने इन कमेंट की आलोचना की है. ट्रंप ने एक ट्वीट में देश और विदेश में पैदा हुए आक्रोश को कम करने के लिए घुमा फिराकर कही गई अपनी बात में इसे खारिज किया.