Dr.Jai Bhattacharya: अमेरिका के नव-निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने डॉ. जय भट्टाचार्य को देश की अग्रणी चिकित्सा अनुसंधान एजेंसी, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ का नेतृत्व करने के लिए चुना है. यह अमेरिका का चिकित्सा अनुसंधान को वित्तपोषित करने वाला सबसेस बड़ा सार्वजनिक संस्थान है. इसका बजट लगभग 47.3 बिलियन डॉलर है.
नव-निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने बयान में कहा कि स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन में 56 वर्षीय चिकित्सक और प्रोफेसर डॉ. जय भट्टाचार्य, स्वास्थ्य और मानव सेवा विभाग का नेतृत्व करने के लिए उनके द्वारा चुने गए रॉबर्ट एफ. कैनेडी जूनियर के साथ मिलकर काम करेंगे. वो अमेरिका की सबसे बड़ी स्वास्थ्य चुनौतियों के अंतर्निहित कारणों और समाधानों की जांच करेंगे.
डॉ. जय भट्टाचार्य ने जताई खुशी
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के डायरेक्टर के रूम में नॉमिनेट होने पर डॉ. जय भट्टाचार्य ने खुशी जताते हुए कहा, "राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा अगले NIH डायरेक्टर के रूप में नामांकित किए जाने से मैं सम्मानित और गर्व महसूस कर रहा हूं. हम अमेरिकी वैज्ञानिक संस्थानों में सुधार करेंगे, ताकि लोग हम पर फिर से भरोसा कर सके."
इकोनॉमिक्स में की है MD और PhD
गौरतलब है कि स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय से जय भट्टाचार्य ने इकोनॉमिक्स में एमडी और पीएचडी की है. वो स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में स्वास्थ्य नीति के प्रोफेसर हैं और नेशनल ब्यूरो ऑफ इकोनॉमिक्स रिसर्च में शोध सहयोगी हैं. इसके अलावा स्टैनफोर्ड के सेंटर फॉर डेमोग्राफी एंड इकोनॉमिक्स ऑफ हेल्थ एंड एजिंग का निर्देशन करते हैं. उन्होंने चिकित्सा, अर्थशास्त्र, स्वास्थ्य नीति, महामारी विज्ञान, सांख्यिकी, कानून और सार्वजनिक स्वास्थ्य सहित अन्य क्षेत्रों में शीर्ष समकक्ष-समीक्षित वैज्ञानिक पत्रिकाओं में 135 लेख प्रकाशित किए हैं.
कोरोना में लगाए गए लॉकडाउन का किया था विरोध
कोरोनाकाल में डॉ. जय भट्टाचार्य ने ग्रेट बैरिंगटन डेक्लेरेशन का सह-लेखन भी किया था. इसमें उन्होंने अक्टूबर 2020 से कोरोना में लगाए गए लॉकडाउन का विकल्प बताया था. इस दौरान उन्होंने सरकार के कोरोना से जुड़े प्रतिबंधों और मास्क नीति का भी विरोध किया था। उन्होंने कोरोना से बचाव के लिए इसे लोगों में फैलने देने और हर्ड इम्युनिटी के पक्ष में तर्क दिए थे। इस पर उन्हें काफी ज्यादा विरोध का भी सामना करना पड़ा था.