डोनाल्ड ट्रंप का ग्रीनलैंड का सपना होगा साकार! अमेरिका के सांसदों ने दिखाई हरी झंडी
Republican MPs Green Signal To Greenland: डोनाल्ड ट्रंप पिछले कुछ हफ्तों में कई बार ग्रीनलैंड के अधिग्रहण की बात कर चुके हैं. उनकी कहना है कि अमेरिका को इसकी जरूरत है.
Donald Trump Greenland Bid: अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का ग्रीनलैंड का सपना साकार हो सकता है. उनके वफादार रिपब्लिकन सांसदों ने ग्रीनलैंड अधिग्रहण की कोशिशों को हरी झंडी दिखा दी है. इस प्रस्ताव का पहले मजाक बनाया जा रहा था लेकिन सांसदों के ग्रीन सिग्नल के बाद ये एक कोशिश में बदल गया है. हालांकि इसके बारे में विश्लेषकों ने चेताया भी है कि ग्रीनलैंड के चक्कर में दुनिया में अराजकता फैल सकती है.
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, 20 जनवरी को डोनाल्ड ट्रंप राष्ट्रपति पद की शपथ लेने जा रहे हैं उससे पहले सोमवार (13 जनवरी, 2025) को दस रिपब्लिकन सांसदों ने एक विधेयक पेश किया है. ये ट्रंप को पदभार ग्रहण करने के बाद से ग्रीनलैंड खरीदने के लिए डेनमार्क के साथ बातचीत करने के लिए अधिकृत करेगा और उनके प्रयास को विधायी संरक्षण भी मिलेगा.
डोनाल्ड ट्रंप कैसे हासिल करेंगे ग्रीनलैंड?
प्रस्तावित विधेयक में कहा गया है, "संयुक्त राज्य अमेरिका के ग्रीनलैंड अधिग्रहण के संबंध में डेनमार्क के साथ समझौता होने के बाद राष्ट्रपति को पांच दिन के भीतर सभी संबंधित सामग्रियों सहित समझौते को कांग्रेस समितियों को भेजना होगा." रिपोर्ट में बताया गया कि ट्रंप को ग्रीनलैंड की खरीद के लिए सांसदों के अप्रूवल की जरूरत होगी क्योंकि पैसे का नियंत्रण कांग्रेस के पास है और ग्रीनलैंड को हासिल करने के लिए पैसे को पहले प्रतिनिधि सभा की ओर से विनियोजित किया जाना चाहिए और सीनेट में अप्रूव किया जाना चाहिए.
मेक ग्रीनलैंड ग्रेट अगेन एक्ट नाम के इस विधेयक को टेनेसी के कांग्रेसी एंडी ओगल्स ने पेश किया है और दस अन्य रिपब्लिकन सांसदों ने इसका समर्थन किया. इस प्रस्ताव के खिलाफ बहुत कम सांसदों ने आवाज उठाई. इसे शुरू में एक बेतुका, अवास्तविक विचार माना गया था.
ग्रीनलैंड अधिग्रहण को लेकर क्या तर्क दिए गए?
हालांकि कुछ लोगों ने ने कहा है कि कामकाजी अमेरिकियों के काम से ध्यान भटकाने वाला कदम होगा. वहीं, ट्रंप के प्रतिनिधि कह रहे हैं कि ग्रीनलैंड का अधिग्रहण तुरंत कर लिया जाएगा और इससे किसी को कोई तकलीफ भी नहीं होगी. इससे अमेरिकी अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा. साथ ही ट्रंप समर्थक डेनमार्क के उन बयानों की ओर भी इशारा कर रहे हैं जिसमें अमेरिका के साथ बातचीत की मांग की गई है.