अमेरिका में हुए राष्ट्रपति चुनाव 2020 नतीजों पर जारी सियासी घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है. चुनाव धांधलियों का आरोप लगाते आ रहे राष्ट्रपति ट्रम्प अब अपने समर्थकों के साथ दबाव बनाने में जुटे हैं. निर्वाचन नतीजों पर अमेरिकी संसद की मुहर के लिए बुलाई गई 6 जनवरी की बैठक से पहले राष्ट्रपति ट्रम्प अपने सर्मथकों के साथ बड़ी रैली करने जा रहे हैं. ट्रम्प समर्थकों के इस शक्ति प्रदर्शन को सेव द अमेरिका रैली का नाम दिया गया है. इसके लिए बड़ी संख्या में जहां लोगों की भीड़ राजधानी वाशिंगटन डीसी पहुंची है. वहीं व्हाइट हाउस के करीब ट्रम्प समर्थकों और ब्लैक लाइव्स मैटर के परचम तले उनके विरोधियों के बीच झड़प की भी घटनाएं हुई हैं. ट्रम्प 6 जनवरी की सुबह व्हाइट हाऊस के दक्षिण में स्थित एलिप्सी पार्क में अपने समर्थकों की रैली को संबोधित करेंगे.


अगर उप-राष्ट्रपति हमारे साथ रहते हैं तो एक बार फिर प्रेसिडेंसी हासिल करने में सफल होंगे- ट्रंप


इस बीच रैली से पहले राष्ट्रपति ट्रम्प ने ट्वीट कर कहा कि अगर उप-राष्ट्रपति हमारे साथ रहते हैं तो हम एक बार फिर प्रेसिडेंसी हासिल करने में सफल होंगे. क़ई राज्य चुनाव नतीजों के सर्टिफिकेशन पर रोक लगाने के हक में हैं. एक अन्य ट्वीट में ट्रम्प ने पेंसिल्वेनिया राज्य की सीनेट सदस्यों के कुछ सदस्यों की तरफ से अमेरिकी संसद में सीनेट और हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव में रिपब्लिकन पार्टी नेताओं से इलेक्टोरल कॉलेज नतीजों का प्रमाणीकरण रोकने की मांग करते हुए लिखा गया पत्र साझा किया. पत्र में चुनाव प्रक्रिया में धांधलियों को लेकर लगभग उन्हीं आरोपों को दोहराया गया था जिनकी बात राष्ट्रपति ट्रम्प 3 नवम्बर 2020 के चुनाव नतीजों को लेकर करते रहे हैं.


वाशिंगटन में ही अमेरिकी कांग्रेस की अहम बैठक होगी आज


दरअसल, 6 नवम्बर को वाशिंगटन में ही अमेरिकी कांग्रेस की अहम बैठक होनी है जिसमें चुनाव नतीजों पर मुहर लगाई जाएगी. अमेरिकी कांग्रेस के संयुक्त सत्र में आधिकारिक तौर पर इलेक्टोरल कॉलेज के मतों की गिनती होगी. इस बैठक की अध्यक्षता उपराष्ट्रपति माइक पेंस करेंगे. इस प्रक्रिया में सीनेट पर बहुमत का दबदबा रखने वाली ट्रम्प की रिपब्लिकन पार्टी ही नहीं उपराष्ट्रपति माइक पेंस की भूमिका खासी महत्वपूर्ण होगी.


जो बाइडेन के लिए अहम है ये बैठक


जाहिर है संवैधानिक प्रक्रिया का हिस्सा कहलाने वाली यह बैठक टीम ट्रम्प और राष्ट्रपति चुनावों में विजेता बनकर उभरे जो बाइडन दोनों के लिए अहम है. इस बैठक से ही तय होगा कि 20 जनवरी 2021 को अमेरिका का नया राष्ट्रपति कौन होगा. हालांकि अभी तक माना यही जा रहा है कि 306 इलेक्टोरल कॉलेज नतीजों के साथ ज़रूरीबहुमत के आंकड़े से आगे खड़े जो बाइडन, व्हाइट हाउस का सफर तय करने में कामयाब होंगे. मगर राष्ट्रपति ट्रम्प की ज़िद के मद्देनजर जानकार किसी ऐन मौके की उठापटक से इनकार भी नहीं कर रहे.


बाइडन को 306 वोट मिलने की पुष्टि


अमेरिका के सभी 50 प्रांतों ने अब चुनावी नतीजों को प्रमाणित कर दिया है. देश के सभी 50 राज्यों के इलेक्टोरल कॉलेज में बाइडन को 306 और राष्ट्रपति ट्रम्प को 232 मत मिलने की पुष्टि की गई है. हालांकि इलेक्टोरल कॉलेज के नतीजे कांग्रेस की मुहर लगने के बाद ही निश्चित माने जाते हैं.


ट्रंप लगाते आ रहे हैं धांधलियों का आरोप


गौरतलब है कि राष्ट्रपति ट्रम्प और उनके समर्थक चुनाव 2020 में बड़े पैमाने पर धांधलियों का आरोप लगाते रहे हैं. इस मामले को लेकर टीम ट्रम्प क़ई राज्यों की अदालतों से लेकर अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट तक अपील दाखिल कर चुकी है. यह बात और है कि अभी तक राष्ट्रपति ट्रम्प को न तो कोई बड़ी कामयाबी मिली है और न ही व्यापक चुनावी धांधलियों का कोई अकाट्य सबूत सामने आया है.


राष्ट्रपति ट्रम्प की शिकायत उन डाक मतों को लेकर है जिनका कोविड19 संकट के दौरान हुए इन चुनावों में बड़ी संख्या में इस्तेमाल हुआ. उनका आरोप है कि इनके सहारे चुनाव नतीजों को बदलने का पर्यस किया गया. वहीं राष्ट्रपति ट्रम्प के आरोपों को सिरे से खारिज कर रही. डेमोक्रेटिक पार्टी इसे हारे हुए नेता का विलाप बताती रही है.


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