Donald Trump defamation case: यौन उत्पीड़न और मानहानि के एक मामले में शुक्रवार को मैनहटन संघीय अदालत ने पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनॉल्ड ट्रंप के खिलाफ फैसला सुनाया है. ट्रंप 2024 में राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार भी हैं. कोर्ट के आदेश के अनुसार लेखिका ई. जीन कैरोल को, ट्रंप मानहानि मुआवजा के तौर पर 83.3 मिलियन डॉलर (692 करोड़) देंगे. 


कैरोल की ओर से मानहानि के लिए 10 मिलियन डॉलर मांगे गए थे, लेकिन कोर्ट ने इससे कई गुना ज्यादा 83.3 मिलियन डॉलर मुआवजा देने का आदेश दिया है. ट्रंप ने फैसला आने के बाद अपने बयान में इस निर्णय को हास्यास्पद बताते हुए इसके खिलाफ अपील करने की बात कही है.


एक रिपोर्ट के मुताबिक जूरी करीब तीन घंटे तक विचार-विमर्श और बहस के बाद अपने फैसले पर पहुंची. बहस शुरू होने के वक्त ट्रंप अदालत में मौजूद थे, लेकिन बीच में बाहर चले गए. जब अदालत में फैसला पढ़ा गया तो वह वहां पर ट्रंप नहीं थे. जूरी ने पाया कि ट्रंप ने कैरोल को लेकर जो बातें कहीं, उससे उनकी छवि खराब हुई है. 


इन मामलों में मुआवजे का आदेश
आदेश में 65 मिलियन डॉलर का दंडात्मक हर्जाना भी शामिल किया गया है. आदेश में 7.3 मिलियन डॉलर प्रतिपूरक हर्जाना और रेपुटेशनल रिपेयर के लिए 11 मिलियन डॉलर शामिल है. 77 साल के ट्रंप ने फैसले पर नाखुशी जताई है. ट्रंप ने इस बात से भी इनकार किया कि उन्होंने अपने बयानों से किसी को कैरोल को नुकसान पहुंचाने का निर्देश दिया था.


एक रिपोर्ट के मुताबिक मैनहटन संघीय अदालत में वकील रोबर्टा कपलान द्वारा अपनी अंतिम दलीलें शुरू करने के कुछ ही मिनटों बाद ट्रंप अचानक बचाव पक्ष की तरफ की अपनी सीट से उठे और बाहर जाने लगे. अंतिम बहस के दौरान जब लेखिका ई. जीन कैरोल के अधिवक्ता ने ज्यूरी से उनकी मुवक्किल को हर्जाना दिलाए जाने का आग्रह किया तो डोनाल्ड ट्रंप कोर्ट रूम से चले गए. 


ट्रंप के कोर्ट से बाहर जाने का जज ने लिया संज्ञान
ट्रंप जाते समय खचाखच भरे अदालत कक्ष को देखने के लिए एक पल रुके और इसी दौरान खुफिया विभाग के सदस्य उनके पीछे की ओर जाने लगे. पूर्व राष्ट्रपति के अचानक चले जाने से न्यायाधीश लुईस ए कपलान को बहस के बीच दखल देने के लिए मजबूर होना पड़ा. न्यायाधीश लुईस ए कपलान ने कहा- ये रिकॉर्ड में दिखाया जाएगा कि ट्रंप उठे और अदालत से बाहर चले गए.


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