Trump In Hindi: अमेरिका (America) के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है. इस साल नवंबर में अमेरिका में मध्यावधि चुनाव होने हैं, जिसका असर अगले राष्ट्रपति चुनाव पर पड़ने की संभावना है.


ट्रंप का मकसद सीनेट (अमेरिकी संसद) में रिपब्लिकन पार्टी को बहुमत दिलाना है. इसमें भारतीय-अमेरिकी समुदाय का भी अहम रोल होने की वजह से ट्रंप इस समुदाय को अपने पाले में लाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रहे. यहां तक कि उन्होंने हिंदी बोलने की प्रैक्टिस भी तेज कर दी है. इस बार वह ‘भारत-अमेरिका सबसे अच्छे दोस्त‘ नारे की प्रैक्टिस करते नजर आए. इससे जुड़ा एक वीडियो भी रिपब्लिकन हिंदू कोलिशन (RHC) की तरफ से जारी किया गया है.


30 सेकंड के इस वीडियो में ट्रंप शिकागो के कारोबारी एवं आरएचसी के सदस्य शलभ कुमार के साथ बैठे नजर आ रहे हैं. यह नया नारा ट्रंप के 2016 के ‘अबकी बार ट्रंप सरकार’ नारे से प्रेरित दिखाई दे रहा है. इस नारे ने भारतीय- अमेरिकियों का ध्यान आकर्षित किया था और कई प्रमुख प्रांतों में रिपब्लिकन पार्टी को जीत दिलाने में भी अहम भूमिका निभाई थी.


किसने बनाई नारे की योजना


‘अबकी बार ट्रंप सरकार’ और ‘भारत और अमेरिका सबसे अच्छे दोस्त’ का नारा तैयार करने में अहम भूमिका निभाने वाले कुमार ने एक इंटरव्यू में कहा कि उन्होंने और आरएचसी ने भारतीय-अमेरिकी समर्थन हासिल करने के लिए भारतीय मीडिया में पूर्व राष्ट्रपति के लिए नए नारे के प्रचार की योजना बनाई थी. ताजा आंकड़े ये इशारा करते हैं कि मिडटर्म चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी को प्रतिनिधि सभा में एक बार फिर बहुमत मिलने की संभावना है.


शलभ कुमार की क्या है चुनावी योजना


शलभ कुमार ने कहा कि उनका मुख्य मकसद सीनेट में पांच (रिपब्लिकन) उम्मीदवारों के लिए भारी समर्थन जुटाना है, जहां मतों का अंतर 50,000 से भी कम रहेगा और कुछ सीट पर तो यह 10 या 5 हजार वोटों के आसपास ही रहने की संभावना है. हिंदू वोटों से भी अंतर पड़ेगा क्योंकि इनमें हिंदू स्वतंत्र मतदाताओं की सबसे बड़ी संख्या है.


शलभ कुमार का पूर्व में भी रह चुका है साथ


शलभ कुमार और आरएचसी 2016 के राष्ट्रपति चुनाव में ट्रंप के प्रचार अभियान का महत्वपूर्ण हिस्सा थे, लेकिन 2020 के राष्ट्रपति चुनाव में दोनों अलग हो गए थे. कुमार ने कहा कि उन्होंने इस साल 21 मार्च को मार-ए-लागो में ट्रंप से मुलाकात की थी. उसके बाद भी दोनों के बीच कुछ बैठकें हुई हैं. दरअसल, अमेरिका के पंजीकृत मतदाताओं में करीब एक प्रतिशत भारतीय-अमेरिकी हैं.


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