वॉशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ‘ओवल ऑफिस’ में उत्तर कोरिया के छह ऐसे लोगों का स्वागत किया जो अपने देश से किसी तरह बाहर निकलने में कामयाब हुए हैं.
ट्रंप ने इन उत्तर कोरियाई नागरिकों की कहानी को ‘अविश्वसनीय और सही मायने में प्रेरणादायक’ करार दिया. इन छह लोगों में एक शख्स सियोंग-हो नाम का बैंकर था जिसे उत्तर कोरियाई सरकार के विदेशी अभियानों की जानकारी है.
सियोंग-हो 2006 में उत्तर कोरिया से भागे थे और उन्हें बीते मंगलवार के ‘स्टेट ऑफ दि यूनियन’ संबोधन के दौरान अमेरिका की प्रथम महिला मेलानिया ट्रंप की सीट से कुछ ही दूरी पर बैठने की जगह दी गई है.
अमेरिका-उत्तर कोरिया के बीच कड़वाहट का इतिहास
आपको बता दें कि दूसरे विश्व युद्ध के बाद कोरियाई प्रायद्वीप में हुए युद्ध के दौरान अमेरिका ने दक्षिण कोरिया का साथ देते हुए उत्तर कोरिया के खिलाफ युद्ध छेड़ा था और तब से ही दोनों देश एक-दूसरे के कट्टर दुश्मन हैं.
साल 2006 में शुरू हुए उत्तर कोरियाई परमाणु कार्यक्रम का अमेरिका शुरू से ही घोर विरोधी रहा है. अमेरिका ने अपने बूते और यूएन के सहारे इस देश पर कई पाबंदियां लगाई लेकिन बावजूद इन सबके पिछले साल देश के तानाशाह किम जोंग उन ने ऐसी मिलाइलें बनाने में सफलता पाई जो परमाणु आयुध ले जाने के अलावा अमेरिका के मेनलैंड तक मार करने में सक्षम हैं.