वॉशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कंजर्वेटिव जज नील गोरसच को सुप्रीम कोर्ट के लिए अपने उम्मीदवार के रूप में नॉमिनेट किया है. इस चयन पर डेमोक्रेट सदस्यों ने कड़ा विरोध जताया है. कोलोराडो में जन्मे और पले-बढ़े 49 साल के गोरसच टेंथ सर्किट की अमेरिकी अपीली अदालत में सेवारत हैं. वह पिछले 25 साल में सुप्रीम कोर्ट के लिए के लिए नॉमिनेट किए गए सबसे कम उम्र के उम्मीदवार हैं.


व्हाइट हाउस के ईस्ट रूम से कल बड़ी घोषणा करते हुए ट्रंप ने कहा, ‘‘मुझे सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश पद के लिए जज नील गोरसच के नॉमिनेशन की घोषणा करते हुए गर्व हो रहा है.’’ गोरसच ने कोलंबिया यूनिवर्सिटी और हार्वर्ड लॉ स्कूल में पढ़ाई की है. उन्होंने ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी से मार्शल स्कॉलर के रूप में अपनी डॉक्टरेट की उपाधि ली थी.

साल 2006 में, तत्कालीन राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश ने उन्हें टेंथ सर्किट की अमेरिकी अपीली अदालत के लिए नॉमिनेट किया था और उनके नाम को बिना किसी आपत्ति के ध्वनिमत के साथ मंजूरी दी गई थी. गोरसच ने कहा, ‘‘यह नॉमिनेशन पाकर मैं सम्मानित और आभारी महसूस कर रहा हूं. मैं इस प्रक्रिया की शुरुआत के लिए आने वाले सप्ताहों में सीनेटरों से मुलाकात का इंतजार कर रहा हूं.’’ डेमोक्रेट सदस्यों ने उनके नॉमिनेशन का विरोध किया है.

सीनेट में अल्पमत के नेता चार्ल्स शूमर ने कहा, ‘‘उनके रिकॉर्ड को देखते हुए, मुझे इस बात पर गहरे संदेह हैं कि उनमें इस मापदंड को पूरा करने की योग्यता है या नहीं. जज गोरसच ने बार-बार कामकाजी लोगों की तुलना में कॉरपोरेशनों की तरफदारी की है. महिला अधिकारों के प्रति बैरभाव रखते रहे हैं. न्यायशास्त्र के प्रति उनकी विचारधारात्मक सोच मुझे इस बात के प्रति सशंकित करती है कि वह न्यायालय के मजबूत और स्वतंत्र न्यायाधीश होंगे या नहीं.’’