वाशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने कहा कि भारत और चीन की सीमा पर ‘बेहद गंभीर’ गतिरोध के बीच उनका प्रशासन दोनों देशों के बीच चल रहे तनाव को समाप्त करने के लिए ‘उनकी मदद’ के वास्ते दोनों देशों से बात कर रहा है. ट्रंप का यह बयान इस हफ्ते की शुरुआत में लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सेना की घुसपैठ के बाद दोनों ओर के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प में भारत के 20 सैन्यकर्मियों के शहीद होने और दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर पहुंचने के बीच आया है.


अमेरिकी खुफिया सूत्रों के मुताबिक इस झड़प में चीन के 35 से अधिक सैनिक मारे गए हैं. ओकलाहोमा में कोविड-19 संकट के बीच अपनी पहली चुनावी रैली को संबोधित करने जाने के लिए मरीन वन पर सवार होने से पहले ट्रंप ने व्हाइट हाउस में संवाददाताओं से कहा, ‘‘वहां बहुत ही मुश्किल हालात हैं. हम भारत से बात कर रहे हैं. हम चीन से भी बात कर रहे हैं. वहां उनके बीच बड़ी समस्या है.’’


भारत और चीन के बीच बने हालात को लेकर ट्रंप से उनके आकलन के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘वहां उनके बीच टकराव है. देखते हैं क्या होता है. हम उनकी मदद करने का प्रयास करेंगे.’’ बीते कुछ दिन से पूरा ट्रंप प्रशासन पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारतीय क्षेत्र में चीन की सेना की अवैध घुसपैठ के मामले में भारत के पक्ष में खड़ा नजर आया है.


अमेरिका ने चीन पर भारत समेत अन्य पड़ोसियों के साथ सीमा पर तनाव बढ़ाने का आरोप लगाया है. उसका कहना है कि चीन वैश्विक महामारी से लड़ रहे इन देशों के वर्तमान हालात का फायदा उठाना चाहता है.


अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पेाम्पिओ ने एक दिन पहले कहा था,‘‘ पीएलए ने सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश भारत के साथ सीमा पर तनाव को बढ़ा दिया है, वह दक्षिण चीन सागर का सैन्यीकरण कर रहा है और वहां और क्षेत्र पर अवैध रूप से अपना दावा कर रहा है.’’


इस सप्ताह की शुरुआत में व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैली मेकनैनी ने संवाददाताओं से कहा था कि राष्ट्रपति को हालात की जानकारी है और अमेरिका पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारतीय एवं चीनी बलों के बीच हालात पर नजर रख रहा है.


राष्ट्रपति ने बताया कि इससे पहले दो जून को भारत के प्रधानमंत्री नरेंन्द्र मोदी और ट्रंप के बीच फोन पर बातचीत हुई थी और दोनों ने भारत- चीन सीमा के हालात पर चर्चा की थी. ‘ट्रंप विक्ट्री इंडियन अमेरिकन फाइनेंस कमेटी’ के सह अध्यक्ष अल मेसन ने कहा, "ट्रम्प और मोदी के बीच प्रगाढ़ संबंध और भरोसा है.’’ उन्होंने कहा कि व्हाइट हाउस, विदेश मंत्रालय और दिल्ली में अमेरिकी दूतावास से आने वाले बयान इस बात को प्रदर्शित करते हैं.


टेक्सास के सांसद लांस गुडेन ने भारत का समर्थन करते हुए कहा कि चीन पर भरोसा नहीं किया जा सकता है. रिपब्लिकन सांसद ने कहा,‘‘ चीन और भारत के बीच हिंसक संघर्ष की और खबरें जैसे आ रही हैं, इससे एक बार फिर चीन आक्रांता खलनायक के रूप में दिखाई दे रहा है.’’


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