वॉशिंगटन: सभी को आश्चर्य में डालते हुए संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की भारतीय मूल की राजदूत निक्की हेली ने मंगलवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 46 वर्षीय हेली का इस्तीफा स्वीकार कर लिया. उन्होंने ओवल ऑफिस में हेली के इस्तीफे की घोषणा की और उनके काम की तारीफ की. इसी बीच अमेरिकी मीडिया में आई एक और ख़बर के मुताबिक उन्होंने कहा है कि निकी के इस्तीफे के बाद खाली पद को भरने के लिए उनकी बेटी इवांका से बेहतर दुनिया में कोई भी नहीं है.
ट्रंप के बयान पर इवांका की सफाई
अपने दूसरे बच्चे इवांका की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि वो डाइनामाइट हैं. उन्होंने कहा कि इस पद के लिए मैंने इवांका के नाम की चर्चा सुनी है, लेकिन अगर वो चुनी जाती हैं तो उन पर भाई भतीजावाद का आरोप लगेगा. हालांकि इस पर इवांका का सफाई भरा ट्वीट आया जिसमें उन्होंने लिखा कि उनके पिता इस पद के लिए किसी बेतहरीन कैंडिडेट को नॉमिनेट करेंगे. लेकिन ये नाम इवांका का नहीं होगा.
आपको बता दें कि निकी के इस्तीफे के बाद ट्रंप ने आनन-फानन में बुलाये गये संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘मैं यह (ओवल ऑफिस में निकी की विदाई) करना चाहता था क्योंकि संयुक्त राष्ट्र में राजदूत निक्की हेली मेरे लिए खास रही हैं. उन्होंने असाधारण काम किया है. वो बहुत ही अच्छी शख्सियत और महत्वपूर्ण हैं. लेकिन वो ऐसी भी हैं जो अपनी बात मनवा लेती हैं.’’ राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘उन्होंने करीब छह महीने पहले कहा था, ‘‘मैं थोड़े दिनों के लिए आराम करना चाहती हूं.’’
नहीं लडेंगी राष्ट्रपति चुनाव
ट्रंप की उदारवादी रिपब्लिकन समझी जाने वाली हेली ने 2020 के राष्ट्रपति चुनाव में उतरने से इंकार किया और कहा कि अब वह अगले दो साल तक ट्रंप के फिर से राष्ट्रपति चुने जाने के अभियान में जुट जाएंगी. किसी राष्ट्रपति के मंत्रिमंडल में पहली भारतीय अमेरिकी हेली ने कहा कि इस पद पर सेवा देना उनके जीवन में एक बड़ा सम्मान है. पंजाब के भारतीय प्रवासियों की संतान हेली ने कहा कि दक्षिण कैरोलिना की गर्वनर के रूप में छह साल समेत आठ साल के व्यस्त जीवन के बाद वो कुछ दिनों के लिए आराम करना चाहती हैं.
कौन हैं हेली, क्या रही हैं उपलब्धियां
हेली का जन्म अमेरिका के बमबर्ग, दक्षिण कैरोलिना में 20 जनवरी 1972 को एक भारतीय सिख परिवार में हुआ. उनका शुरुआती नाम निम्रता निक्की रंधावा था. हेली सिख माता-पिता की बेटी हैं जिनके पूर्वज अमृतसर से आकर यहां बस गए थे. उनके माता पिता, राज कौर रंधावा और अजीत सिंह रंधावा भारत के अमृतसर जिला से आप्रवासी हैं. उनके दो भाई मिट्टी और चरण है. उनकी एक बहन भी हैं जिनका नाम सिमरन है. हेली ऑरेंजबर्ग प्रीपरेटरी स्कूल इंक से ग्रैजुएट और क्लेमसन यूनिवर्सिटी के बीएस हैं.
हेली अमेरिका के दक्षिण कैरोलिना प्रांत की गवर्नर रही हैं. वो भारतीय मूल की दूसरी अमेरिकी गवर्नर और पहली महिला गवर्नर होने का गौरव हासिल किया है. इससे पहले भारतीय मूल के बॉबी जिंदल अमेरिका के लूइजियाना प्रांत के गवर्नर बने थे. 1998 में हेली ऑरेंजबर्ग काउंटी चैम्बर ऑफ कॉमर्स के निदेशक मंडल में शामिल हुई. 2003 में वो लेक्सिंगटन, दक्षिण कैरोलिना चैंबर ऑफ कॉमर्स के निदेशक मंडल के लिए नॉमिनेट की गईं. हेली 2003 में नेशनल एसोसिएशन ऑफ वुमेन बिजनेस ऑनर की कोषाध्यक्ष और 2004 में अध्यक्ष बनाई गई.
उन्होने समाज सेवा में उल्लेखनीय पहल करते हुए एक स्थानीय अस्पताल के लिए पैसे जुटाने के लिए बनाए गए गठित लेक्सिंगटन गला टू राइज़ फंड की अध्यक्षता की. इसके अलावा वो लेक्सिंगटन मेडिकल फाउंडेशन, लेक्सिंगटन काउंटी शेरिफ फाउंडेशन और वेस्ट मेट्रो रिपब्लिकन वुमेन में महत्वपूर्ण उत्तरदायित्व निभा चुकी हैं और साउथ कैरोलिना चैप्टर ऑफ द नेशनल एसोसिएशन ऑफ वुमेन बिजनेस ऑनर की अध्यक्ष रह चुकी हैं. साथ ही 2006 में फ्रेंड ऑफ स्कौटिंग लीडरशिप डिवीजन चैंपियन की अध्यक्ष और लेक्सिंगटन में रोटरी क्लब की सदस्य रह चुकी हैं.
निकी से जुड़े कुछ विवाद
आपको बता दें कि हालिया दिनों में उनके और ट्रंप के अफेयर की ख़बरों ने भी सुर्खियां बटोरी थीं. लेकिन दोनों ने ही इन पर तुरंत विराम लगा दिया. अफेयर की खबरों को हेली ने ‘बहुत ही अपमानजनक’ और ‘घृणास्पद’ करार दिया था. वहीं, हेली के आधिकारिक घर के पर्दे पर 52,000 डॉलर (37,49,460 रुपए) से अधिक खर्च किया था. ये ऐसे वक्त में किया गया जब यूएस स्टेट डिपार्टमेंट से जुड़ी भारी बजट कटौती की खबरें सुर्खियां बन रही थीं. इस खबर पर भी जमकर विवाद हुआ.
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