वॉशिंगटन: अमेरिका और चीन में विभिन्न मुद्दों पर वाक् युद्ध के बीच अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से बातचीत की उनकी कोई योजना नहीं है.


ट्रंप ने मंगलवार को व्हाइट हाउस में संवाददाता सम्मेलन में एक पत्रकार के प्रश्न के उत्तर में कहा, ‘‘नहीं, मैंने उनसे बात नहीं की है. उनसे बात करने की मेरी कोई योजना नहीं है.’’ उन्होंने कोरोना वायरस को चीन से बाहर फैलने से रोकने में उसकी नाकामी पर आक्रोश जताते हुए यह बात कही.


उन्होंने कहा, ‘‘इसमें कोई दो राय नहीं है कि हम संक्रमण को छिपाने और इसे दुनियाभर में फैलाने के लिए चीन को पूरी तरह जिम्मेदार ठहराते हैं. इसे रोका जा सकता था. उन्हें इसे रोकना चाहिए था.’’


वह इस मुद्दे पर चीन का पक्ष लेने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) पर भी बरसे. ट्रंप ने कहा, ‘‘वे वास्तव में चीन की कठपुतली थे.’’ ट्रंप ने हांगकांग के विशेषाधिकारों और उसके साथ आर्थिक व्यवहार समाप्त किये जाने के बाद संवाददाताओं से बात की.


उन्होंने एक कानून पर भी हस्ताक्षर किये जो अमेरिकी सरकार को हांगकांग की आजादी में दखल देने में शामिल रहने वाले लोगों और इकाइयों पर प्रतिबंध की अनुमति प्रदान करता है.


बीजिंग ने दक्षिण चीन सागर पर अपने दावे को खारिज करने के अमेरिका के हाल ही में किए गए प्रयासों की निंदा की है. उसने चीनी अधिकारियों पर अमेरिकी वीजा पाबंदियों के बदले में वरिष्ठ अमेरिकी सीनेटरों और प्रतिनिधियों को प्रतिबंधित किया है.


ट्रंप ने चीन पर ‘‘नरम’’ रुख अपनाने के लिए अमेरिका के पूर्व उपराष्ट्रपति एवं नवंबर में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी के उनके प्रतिद्वंद्वी जो बाइडेन की भी आलोचना की.


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उन्होंने कहा, ‘‘मेरे प्रशासन ने चीन एवं यूरोप से आने वाले लोगों के प्रवेश पर बहुत जल्द प्रतिबंध लगाकर लोगों की जिंदगियां बचाईं. मैं चाहता हूं कि हर कोई यह जान ले कि हम चीनी वायरस से लड़ने और अपने लोगों को सुरक्षित रखने के लिए संघीय सरकार की सभी शक्तियों का इस्तेमाल कर रहे हैं. ‘ऑपरेशन वार्प स्पीड’ के जरिए हम रिकॉर्ड वक्त में टीका बना देंगे.’’


ट्रंप ने कहा, ‘‘उन्होंने (बाइडेन) कहा कि चीन को प्रतिद्वंद्वी मानना बिल्कुल अजीब बात है. वह सच में अजीब हैं. उन्होंने कहा कि चीन से कोई दिक्कत नहीं है. ऐसा नहीं है. पिछले 25-30 वर्षों में चीन ने हमसे सबसे अधिक छीना है और वह कहते हैं कि चीन कोई समस्या नहीं है.’’