वॉशिंगटन: अमेरिकी प्रतिनिधि सभा ने डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ ऐतिहासिक दूसरे महाभियोग प्रस्ताव को पास कर दिया है. ट्रंप अमेरिकी इतिहास में ऐसे पहले राष्ट्रपति बन गए हैं जिनके खिलाफ दो बार महाभियोग प्रस्ताव पारित हुआ. प्रस्ताव पारित होने के बाद ट्रंप ने कैपिटल हिल पर हिंसक हमले करने वाले अपने समर्थकों पर नाराजगी जाहिर की है.


ट्रंप ने कहा, 'मेरा कोई भी सच्चा समर्थक कभी भी राजनीतिक हिंसा का समर्थन नहीं कर सकता है, मेरा कोई भी सच्चा समर्थक कानून का अपमान नहीं कर सकता है. मेरा कोई भी सच्चा समर्थक कभी भी अपने साथी अमेरिकियों को धमकी या परेशान नहीं कर सकता. अगर आप इनमें से कोई भी ऐसा काम करते हैं तो आप हमारा समर्थन नहीं कर रहे हैं. आप हमारे देश पर हमला कर रहे हैं और हम इसे बर्दाश्त नहीं कर सकते.'


ट्रंप ने आगे कहा, "हिंसा और तोड़फोड़ के लिए हमारे देश में कोई जगह नहीं है और ना ही हमारे आंदोलन में हिंसा के लिए कोई जगह है. चाहे आप राइट या लेफ्ट पर हों, डेमोक्रेट हों या रिपब्लिकन हों, हिंसा का कोई स्थान नहीं है. कोई बहाना नहीं, कोई अपवाद नहीं, अमेरिका कानूनों का देश है. जो लोग पिछले सप्ताह हमले में शामिल थे उनपर कार्रवाई की जाएगी."


10 रिपब्लिकन सांसदों ने ट्रंप के खिलाफ किया वोट
अमेरिका के निचले सदन हाउस ऑफ रिप्रेजेन्टेटिव्स ने ट्रंप के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पर अपनी मुहर लगा दी है. महाभियोग प्रस्ताव के पक्ष में 232 और विपक्ष में 197 वोट पड़े. खास बात ये है कि ट्रंप की अपनी रिपब्लिकन पार्टी के 10 सांसदों ने ही उनके खिलाफ वोट डाले हैं.


डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ दूसरी बार महाभियोग चलाया गया है. इससे पहले प्रतिनिधि सभा ने 18 दिसंबर 2019 को ट्रंप के खिलाफ महाभियोग के आरोप को पारित किया था. लेकिन रिपब्लिकन पार्टी के नियंत्रण वाले सीनेट ने फरवरी 2020 में उन्हें आरोपों से बरी कर दिया था. उस दौरान आरोप लगाए गए थे कि ट्रंप ने यूक्रेन के राष्ट्रपति पर दबाव डाला कि वे बाइडेन और उनके बेटे के खिलाफ भ्रष्टाचार के दावों की जांच करवाए.


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