डोनाल्ड ट्रंप को लगेगा तगड़ा झटका, NATO देशों ने मिलकर लिया ऐसा फैसला कि पछताएगा अमेरिका!
Donald Trump: पुर्तगाल ने अमेरिका से 28 F-35 फाइटर जेट खरीदने की योजना बनाई थी. कनाडा ने 88 और जर्मनी ने भी 35 F-35 का ऑर्डर दिया था, लेकिन अब नाटो देश इस पर फिर से विचार कर रहे हैं.

Setback for Donald Trump: अमेरिका का राष्ट्रपति बनने के बाद डोनाल्ड ट्रंप लगातार दूसरे देशों को टैरिफ की धमकी दे रहे हैं. रूस-यूक्रेन युद्ध के सीजफायर के लिए भी वह जेलेंस्की पर लगातार दबाव बना रहे हैं. इतना ही नहीं ट्रंप ने यूक्रेन को युद्ध में मदद के बदले खनिज संसाधनों का इस्तेमाल करने के लिए जेलेंस्की पर दबाव भी बनाया. अमेरिका के रुख में आए इस बदलाव को देखते हुए नाटो देश अब बड़ा फैसला लेने वाले हैं, जिससे ट्रंप को बड़ा झटका लग सकता है.
दरअसल नाटो में शामिल देश अपनी सेना को मजबूत करने में जुटे हुए हैं. वो अपने पुराने लड़ाकू विमानों के बेड़े को बदलना चाहते हैं. इसलिए उन्होंने अमेरिका का ही स्टेल्थ फाइटर जेट F-35 खरीदने का प्लान बनाया था, लेकिन अब वो अपनी इस योजना पर फिर से विचार कर रहे हैं. फिलहाल अमेरिका के अलावा उसके सहयोगी 19 देश F-35 का इस्तेमाल करते हैं, जिनमें नाटो देशों के अलावा साउथ कोरिया, जापान, ऑस्ट्रेलिया और इजरायल जैसे देश भी शामिल हैं.
नाटो देशों ने F-35 की खरीद पर बनाया सस्पेंस
नाटो में शामिल देश चाहते थे कि वो अमेरिका के F-35 फाइटर जेट को खरीदकर पुराने अमेरिकी, यूरोपीय और सोवियत युग के लड़ाकू विमानों को सेना के बेडे़ से हटा दें, लेकिन ग्लोबल स्तर पर बने हालात के बाद वो अब इस फैसले पर सोचने को मजबूर हो गए हैं. इसके लिए कई देशों ने रिवेल्यूएशन की ओर इशारा किया है.
पुर्तगाल-कनाडा कैंसिल कर सकता है डील
पुर्तगाल ने अमेरिका के F-35 फाइटर जेट को खरीदने का प्लान बनाया था. उसने 28 अमेरिकी F-16 को F-35 से बदलने की सोची थी, लेकिन अब वहां के रक्षा मंत्री ने नाटो के संदर्भ में हाल में अमेरिकी रुख की ओर इशारा किया है. कनाडा ने अमेरिका से 88 F-35 खरीदने के लिए 13 बिलियन डॉलर का करार किया था, लेकिन डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ धमकी के बाद वहां के नए प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने इस फैसले की समीक्षा करने का आदेश दिया है. कनाडा को F-35 की पहली खेप 2026 तक मिलनी थ और इनमें से 16 जेट्स का तो भुगतान भी किया जा चुका है. कनाडा के रक्षा मंत्री बिल ब्लेयर ने कहा कि वो पहला बैच तो स्वीकार कर सकते हैं, लेकिन पूरा ऑर्डर नहीं लेंगे और अब स्वीडिश निर्मित साब ग्रिपेन जैसे फाइटर जेट पर ध्यान देंगे. कनाडा और पुर्तगाल की तरह जर्मनी ने भी 35 फाइटर जेट का ऑर्डर दिया था, लेकिन अब उसके ऑर्डर पर भी अनिश्चतिता बनी हुई है.
अमेरिका के F-35 की क्या है खासियत?
अमेरिका का F-35 5वीं पीढ़ी का स्टेल्थ लड़ाकू विमान है, जो अपनी अविश्वसनीय गति और उन्नत तकनीक के लिए जाना जाता है. यह हर मौसम में उड़ान भरने वाला स्टेल्थ मल्टीरोल कॉम्बैट एयरक्राफ्ट है, जो इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर, जासूसी, सर्विलांस, रीकॉन्सेंस जैसे मिशन को भी पूरा कर सकता है. F-35 को एयरसुपीरियरिटी और स्ट्राइक मिशन के लिए बनाया गया है. F-35 के तीन वैरिएंट मौजूद हैं- पहला कन्वेंशनल टेक-ऑफ एंड लैंडिंग (CTOL), इसे F-35A कहते हैं. दूसरा है शॉर्ट टेक-ऑफ एंड वर्टिकल लैंडिंग (STOVL), इसे F-35B के नाम से जाना जाता है. तीसरा है- कैरियर बैस्ड यानी F-35C. F-35 को अमेरिका की लॉकहीड मार्टिन कंपनी बनाती है.
यह भी पढ़ें- 'जैसे को तैसा', ट्रंप को पाठ पढ़ा रहे कनाडा के नए पीएम कार्नी; रद्द करेंगे ये बड़ी डील!
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस

