वॉशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारतीय आईटी पेशेवरों के बीच एच-1बी और कुछ अन्य वीजा पर इस साल के अंत तक रोक लगाने की आधिकारिक घोषणा की है. इसका कई भारतीय आईटी प्रोफेशनलों और कई अमेरिकी भारतीय कंपनियों पर प्रभाव पड़ सकता है जिनको अमेरिकी सरकार ने एक अक्टूबर से शुरू हो रहे वित्त वर्ष 2021 के लिए एच-1बी वीजा जारी कर दिए थे. यह घोषणा बड़ी संख्या में उन भारतीय आईटी पेशेवरों को भी प्रभावित करेगी जो अपने एच-1बी वीजा के नवीनीकरण के इंतजार में थे.


H-1B वीजा क्या है
एच-1 बी वीजा के तहत अमेरिकी कंपनियां विशेषज्ञता वाले पदों पर दूसरे देशों के पेशेवरों की नियुक्ति करती है. अमेरिका की तकनीकी कंपनियां हर साल इस वीजा के जरिये हजारों चीनी और भारतीय पेशेवरों की नियुक्ति करती हैं. सरकार ये वीजा ऐसे कर्मचारियों के लिए जारी करती है जो उच्च शिक्षा प्राप्त होते हैं और उनके जैसे हुनरमंद लोगों की अमेरिका में कमी होती है.


क्यों लगाई गई रोक
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा है कि ये कदम लाखों अमेरिकियों की मदद के लिए जरूरी है जिन्होंने मौजूदा आर्थिक संकट की वजह से नौकरियां गंवा दी हैं. नवंबर में होने जा रहे राष्ट्रपति चुनाव से पहले आधिकारिक घोषणा जारी कर, ट्रंप ने विभिन्न संगठनों, सांसदों और मानवाधिकार निकायों द्वारा आदेश के खिलाफ बढ़ते विरोध को नजरअंदाज किया है.


इस घोषणा में ट्रंप ने कहा कि इस साल फरवरी से लेकर मई तक अमेरिका में कुल बेरोजगारी दर लगभग चार गुना हो गई जो श्रम सांख्यिकी ब्यूरो द्वारा दर्ज की गई बेहद खराब बेरोजगारी दरों में से एक है.


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