नई दिल्ली: डॉनल्ड ट्रंप ने आज अमेरिका के 45वें राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ली है. भारतीय समय के मुताबिक रात 10 बजे ट्रंप को चीफ जस्टिस ने शपथ दिलाई. बराक ओबामा, मिशेल ओबामा, हिलेरी क्लिंटन, पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन, राष्ट्रपति बुश और जिमी कार्टर भी समारोह में शामिल हुए. ट्रंप ने कहा कि आज से सिर्फ अमेरिका फर्स्ट की नीति चलेगी. अमेरिकी लोग सुरक्षा और रोजगार चाहते हैं, हमें गरीबी और बेरोजगारी को हटाना है.


राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद डॉनल्ड ट्रंप ने अपने भाषण में कहा कि 20 जनवरी 2017 को लोग याद रखेंगे, आज जनता शासक बनी है. ये मेरी सत्ता नहीं जनता की सत्ता है.

ट्रंप ने अपने भाषण में कहा कि आज से सिर्फ अमेरिका फर्स्ट की नीति चलेगी. उन्होंने कहा, ‘ये आपका जश्न है, अमेरिका आपका देश है. आज से देश जनता चलाएगी.’

ट्रंप ने कहा, ‘अमेरिकी लोग सुरक्षा और रोजगार चाहते हैं, हमें गरीबी और बेरोजगारी को हटाना है. हमने दुनिया पर खर्च किया लेकिन खुद को भूल गए.’

उन्होंने बराक ओबामा, मिशेल ओबामा और चीफ जस्टिस का शुक्रिया अदा किया.

राष्ट्रपति पद की शपथ लेने से पहले डोनाल्ड ट्रंप ने आज ट्वीट किया कि अमेरिका के राजनीतिक और आर्थिक यथास्थिति को बदलने का काम आरंभ हो रहा है. वाशिंगटन में शपथ ग्रहण के लिए लोगों के एकत्र होने के साथ ही ट्रंप ने ट्वीट किया.


उन्होंने कहा, ‘‘आज सब आरंभ होगा. मैं इस शपथग्रहण के लिए आपसे 11 बजे (दिन) मिलूंगा. आंदोलन जारी रहेगा-काम आरंभ होगा.’’






भारतीय समय के मुताबिक रात 10 बजे से ट्रंप के शपथ ग्रहण शुरु होगा जो कि रात 1.30 बजे तक चलेगा. जॉन लेजेंड, सेलिन डयाज़ और सर एल्टन जॉन जैसी मशहूर ए लिस्ट सेलिब्रेटीज़ ने ट्रंप के इनॉगरेशऩ में परफॉर्म करने से मना कर दिया है.



फाइल फोटो

इस पर ट्रंप ने व्यंग्य करते हुए ट्वीट किया है, ‘’A-list celebrities जब हिलेरी क्लिंटन के लिये कुछ नहीं कर पायीं, तो ट्रंप को उनकी क्या ज़रूरत. उन्हें राष्ट्रपति जनता ने बनाया है और अपने शपथ समारोह में ट्रंप को जनता के अलावा किसी सिलेब्रिटी की ज़रूरत नहीं है.


भारत के नज़रिए से ट्रंप का राष्ट्रपति बनना बेहद अहम है, क्योंकि वो अपने भाषणों में वो कई बार भारत और पीएम नरेंद्र मोदी की तारीफ कर चुके हैं.


ट्रंप कह चुके हैं कि वो भारत के अच्छे दोस्त साबित होंगे. आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में वो भारत के साथ खड़े हैं. भारत की आर्थिक विकास का उदाहरण वो कई बार अपने चुनावी भाषणों में दे चुके हैं.


हालांकि ट्रंप की कई नीतियां भारत के खिलाफ भी जा सकती हैं. वो आउटसोर्सिंग के खिलाफ कदम उठाने की बात कर चुके हैं, जिसका भारतीय आईटी कंपनियों पर बुरा असर पड़ेगा. एच वन बी वीज़ा सिस्टम बदलने की बात कह चुके हैं, ज्यादातर भारतीय आईटी कंपनियां इसी वीज़ा का इस्तेमाल करती हैं.


चुनाव जीतने के बाद अब तक डोनाल्ड ट्रंप सिर्फ प्रेसीडेंट इलेक्ट थे और व्हाइट हाउस से दूर थे. लेकिन शपथ लेने के बाद वो ऑफिस का भार संभालेंगे और ये जिम्मेदारी संभालते ही उनके शुरुआती फैसले क्या होंगे ? इस पर अमेरिका और दुनिया की नज़र रहेगी.