Donald Trump : अमेरिका में इसी साल नवंबर में राष्ट्रपति का चुनाव है, जिससे देश में राजनीतिक हलचल शुरू हो गई है. पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और जो बाइडेन में कांटे की टक्कर है, क्योंकि ट्रंप राष्ट्रपति पद की दौड़ के लिए रिपब्लिकन उम्मीदवार हैं. अब लगातार रैलियां भी की जा रही हैं. ट्रंप ने लोगों से वादा किया है कि अगर वह फिर से सत्ता में आते हैं तो अमेरिका के इतिहास का सबसे बड़ा डिपोर्टेशन अभियान चलाया जाएगा.
ट्रंप मिशिगन में एक सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने समर्थकों से नवंबर के चुनाव में वोट का आह्वान भी किया. कहा कट्टरपंथी इस्लामी आतंकवादियों को देश से बाहर निकालने का समय आ गया है. उन्होंने कहा कि नवंबर में हर वोटर के लिए विकल्प स्पष्ट है. आपके पास ऐसा राष्ट्रपति हो सकता है, जो हजारों कट्टरपंथी इस्लामी आतंकवादियों को बाहर निकाल दे.
'हमारा देश खतरे में, ऐसा पहले नहीं हुआ'
दरअसल, ट्रंप हर तरीके से वोटरों लुभाने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि नए प्रशासन के पहले दिन हम अमेरिकी इतिहास का सबसे बड़ा डिपोर्टेशन अभियान शुरू करेंगे. हमारे पास कोई विकल्प नहीं है. ट्रंप और उनके समर्थक पहले बोल रहे थे कि डेमोक्रेटिक राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अप्रवासियों के लिए अमेरिका आना आसान बना दिया है. वह अक्सर प्रवासियों की ओर से किए गए अपराधों को बाइडेन प्रवासी अपराध कहते हैं. चुनाव से पहले कई मौकों पर ट्रंप ने अप्रवासी विरोधी नीतियों का जिक्र किया है. ISIS से जुड़े 8 लोगों की हाल में गिरफ्तारी का जिक्र करते हुए ट्रंप ने कहा कि हमारा देश कभी इस तरह के खतरे में नहीं रहा, जैसा अभी है. ट्रंप ने दावा किया कि अमेरिका में आतंकवादी घुस रहे हैं.
अप्रवासियों को बताया था जानवर
सम्मेलन को संबोधित करते हुए ट्रंप ने कहा, हमारा देश इसकी भारी कीमत चुकाने जा रहा है. बता दें कि अप्रैल में ट्रंप ने अमेरिका अप्रवासियों को जानवर बताया था और अपने पिछले आरोप को दोहराया कि वे हमारे देश के खून में जहर घोल रहे हैं. हालांकि, ट्रंप की इस टिप्पणी की तीखी आलोचना हुई थी. ऐसा नहीं है कि ट्रंप ने बाइडेन इस मुद्दे पर पहली बार घेरने की कोशिश की हो, इससे पहले भी वह कई बार ऐसे बयान दे चुके हैं. बाइडेन और ट्रंप में हमेशा सोशल मीडिया पर भी वॉर चलता रहता है.