'फेक न्यूज के सबसे बड़े दोषी डोनाल्ड ट्रंप'
ट्रंप ने 649 दिनों में 6,420 बार झूठे या गलत बयान दिए हैं. इसमें राष्ट्रपति के तौर पर अपने पहले ही कार्यकाल के पहले नौ महीनों में ही उन्होंने 1318 बार ऐसा किया था, मतलब कि उन्होंने लगभग रोज़ पांच बार या तो झूठ बोला या गलत बयानी की. बाद में हर रोज़ झूठ बोलने का उनका औसत 30 तक पहुंच गया.
वॉशिंगटन: अभिव्यक्ति और विचार रखने की आजादी पर संयुक्त राष्ट्र के विशेष रिपोर्टर डेविड काये ने कहा है कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इंटरनेट पर गलत सूचनाओं के 'सबसे बड़े दोषी' हैं. काये ने बुधवार को डिजिटल राइट्स मॉनीटर वेबसाइट को दिए साक्षात्कार में कहा, "जब दुष्प्रचार की बात आती है तो सरकारें वास्तविक अपराधी होती हैं...मेरे देश में, अमेरिका में, फर्जी सूचनाओं को देने के सबसे खराब दोषी अमेरिका के राष्ट्रपति हैं."
रिपोर्टर ने कहा, "सरकारों की तरफ से फैलने वाले फर्जी समाचार की समस्याओं को पत्रकारों को कवर करना चाहिए." उन्होंने कहा, "गुगल, फेसबुक, ट्विटर जैसे प्लेटफॉर्म दुष्प्रचार (बॉट, विदेशी हस्तक्षेप) के खिलाफ बड़े पैमाने पर लड़ाई में मदद कर सकते हैं, लेकिन उन्हें कंटेंट नहीं हटाना चाहिए."
काये के मुताबिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को कॉन्टेट पर नियंत्रण स्थापित करने के बदले स्पैम और बॉट खाते को कम करने पर अपना ध्यान केंद्रित करना चाहिए. यहां तक की बॉट्स 'पेचीदा' होते हैं, क्योंकि अच्छे और बुरे बॉट्स होते हैं'. ट्रंप ने कई बार अमेरिकी मीडिया को 'लोगों का दुश्मन' करार दिया है और 'फर्जी समाचार' फैलाने के लिए कई प्रतिष्ठानों की आलोचना की है.
आपको बता दें कि अमेरिकी मीडिया वॉशिंगटन पोस्ट के मुताबिक ट्रंप ने 649 दिनों में 6,420 बार झूठे या गलत बयान दिए हैं. इसमें राष्ट्रपति के तौर पर अपने पहले ही कार्यकाल के पहले नौ महीनों में ही उन्होंने 1318 बार ऐसा किया था, मतलब कि उन्होंने लगभग रोज़ पांच बार या तो झूठ बोला या गलत बयानी की. बाद में हर रोज़ झूठ बोलने का उनका औसत 30 तक पहुंच गया.
पोस्ट के मुताबिक ट्रंप ने अपने कार्यकाल के शुरू होने से 30 अक्टूबर तक 6,420 बार ऐसा किया है. यह भी दावा किया गया है कि मध्यावधि चुनाव के दौरान अपने समर्थकों को बर्गलाने के लिए ट्रंप ने रोज़ 35 से 40 झूठ परोसे. अक्टूबर महीने में तो उन्होंने हद कर दी. 22 अक्टूबर को उन्होंने 83 बार ऐसा किया और 19 अक्टूबर को 73 बार ऐसा किया. ज़्यादातर मौकों पर उन्होंने ऐसा अपनी रैलियों में किया.
वैसे ऐसा करने वाले ट्रंप उनकी आलोचना वाली किसी भी रिपोर्ट या बात को फेक न्यूज़ बताकर ख़ारिज कर देते हैं. अचरज की बात ये है कि उनके समर्थक ट्र्रंप द्वारा फेक न्यूज़ बताकर ख़ारिज की गई बातों पर ट्रंप की राय का समर्थन भी करते हैं.
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