ट्रंप ने ले लिया ऐसा फैसला कि मोहम्मद यूनुस की उड़ी नींद, बांग्लादेश में संकट में हजारों लोग
ट्रंप प्रशासन ने बांग्लादेश को दी जाने वाली सैकड़ों करोड़ की अमेरिकी मदद बंद कर दी है. इससे हजारों लोगों की नौकरियां खतरे में पड़ गई हैं और रोहिंग्या शरणार्थी संकट गहरा सकता है.

US Action On Bangladesh: अमेरिका में बतौर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सत्ता में वापसी के बाद बांग्लादेश को बड़ा झटका लगा है. अमेरिकी प्रशासन ने बांग्लादेश को दी जाने वाली करोड़ों डॉलर की मदद रोक दी है. पहले जहां बाइडन प्रशासन के दौरान अमेरिका ने बांग्लादेश को आर्थिक, सैन्य और खुफिया सहायता दी थी. हालांकि, अब ट्रंप सरकार ने सत्ता में आते ही बांग्लादेश की अमेरिकी फंडिंग पर रोक लगा दी है. इस फैसले से हजारों बांग्लादेशी डॉक्टर, इंजीनियर और कर्मचारी संकट में आ गए हैं.
यूनाइटेड स्टेट्स एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (USAID) हर साल बांग्लादेश को लगभग 20 करोड़ डॉलर की आर्थिक सहायता देती थी. 2023 में अमेरिका ने दो बार में 49 करोड़ डॉलर और 55 करोड़ डॉलर की अतिरिक्त मदद दी थी. इसके अलावा 2.5 अरब डॉलर की सहायता अमेरिका ने रोहिंग्या शरणार्थियों के लिए अमेरिका ने दी थी. अब ट्रंप सरकार ने इस फंडिंग को पूरी तरह बंद करने का आदेश दिया है, जिससे हजारों नौकरियों पर संकट आ गया है.
अमेरिकी फंडिंग बंद होने से बांग्लादेश में क्या संकट खड़ा होगा?
अमेरिकी फंडिंग बंद होने से बांग्लादेश के हजारों लोग बेरोजगार होने की कगार पर आ जाएंगे. बता दें कि बांग्लादेश में कई एजेंसियां अमेरिकी फंडिंग पर चलती थीं, जिनमें,डॉक्टर,इंजीनियर और स्वास्थ्य और कृषि से जुड़े कर्मचारी शामिल है. अब इन एजेंसियों को अपना संचालन बंद करने को कहा गया है. अब छंटनी का खतरा मंडरा रहा है.
रोहिंग्या शरणार्थी संकट गहराएगा
अमेरिका 2.5 अरब डॉलर की सहायता रोहिंग्या शरणार्थियों के लिए देता था. अब फंडिंग रुकने से बांग्लादेश सरकार के लिए इन शरणार्थियों की मदद करना मुश्किल होगा. खाना, पानी और स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी से हिंसा भड़कने की आशंका है. इससे पहले भी रोहिंग्या शरणार्थियों की बांग्लादेशी सेना और पुलिस से झड़प हो चुकी हैं. शरणार्थियों के असंतोष से बांग्लादेश की सुरक्षा व्यवस्था कमजोर हो सकती है. बढ़ती अस्थिरता के कारण कट्टरपंथी संगठनों के प्रभाव में इजाफा हो सकता है.
अमेरिका ने क्यों उठाया ये कदम?
बांग्लादेश और भारत के बीच बढ़ते तनाव के कारण ट्रंप प्रशासन चाहता है कि बांग्लादेश अपनी विदेश नीति में बदलाव करे और अमेरिकी हितों के अनुरूप चले. डोनाल्ड पहले ही बांग्लादेश पर अल्पसंख्यकों खासकर हिंदुओं के खिलाफ होने वाले अत्याचार पर बोल चुके हैं. हालांकि, अब जब बांग्लादेश के लिए अमेरिका ने अपने दरवाजे बंद कर दिए हैं तो इस्लामिक देश मदद के लिए चीन की तरफ रुख कर सकता है.
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