विशेषज्ञों का कहना है कि डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिका का राष्ट्रपति बनने से भारत के लिए नए अवसर खुलेंगे. हालांकि आयात और एच1बी वीजा नियमों पर अंकुश लगाने का फैसला हुआ तो फार्मा और सूचना प्रौद्योगिकी (IT) जैसे कुछ क्षेत्रों में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है. बुधवार (6 नवंबर, 2024) को डोनाल्ड ट्रंप की जीत के बाद एक्सपर्ट्स ने अलग-अलग दावे किए हैं, जिनमें से कुछ एशियाई देशों के लिए सकारात्मक हैं, जबकि कुछ डराने वाले हैं. 


उन्होंने कहा कि ट्रंप के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दोस्ती का भारत-अमेरिका संबंधों पर सकारात्मक असर पड़ेगा. हालांकि, भारत को आपसी हित के क्षेत्रों में सहयोग बनाए रखने के लिए अपनी रणनीतियों को बदलना पड़ सकता है.


नीति आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने बुधवार (6 नवंबर, 2024) को कहा, 'डोनाल्ड ट्रंप का राष्ट्रपति बनना भारत के लिए एक नया अवसर हो सकता है. ट्रंप उन देशों पर शुल्क और आयात प्रतिबंध लगाएंगे, जिनके बारे में उन्हें लगता है कि वे अमेरिका के अनुकूल नहीं हैं. इनमें चीन और यहां तक ​कुछ यूरोपीय देश शामिल हैं. अगर ऐसा हुआ तो इससे भारतीय निर्यात के लिए बाजार खुल सकते हैं.'


बार्कलेज ने बुधवार को एक शोध रिपोर्ट में कहा कि व्यापार नीति के लिहाज से ट्रंप एशिया के लिए सबसे अधिक महत्वपूर्ण हो सकते हैं. बार्कलेज ने कहा, 'हमारा अनुमान है कि डोनाल्ड ट्रंप के शुल्क प्रस्ताव चीन के सकल घरेलू उत्पाद में दो प्रतिशत की कमी लाएंगे और क्षेत्र की बाकी अधिक खुली अर्थव्यवस्थाओं पर दबाव डालेंगे.'


रिपोर्ट में कहा गया कि भारत, इंडोनेशिया और फिलीपींस सहित ऐसी अर्थव्यवस्थाएं उच्च शुल्क के प्रति कम संवेदनशील होंगी, जो घरेलू बाजार पर अधिक निर्भर हैं. राजीव कुमार ने कहा कि डोनाल्ड ट्रंप भारत को एक मित्र देश के रूप में देखेंगे और उनके रहते भारत में अमेरिकी कंपनियों के बड़े निवेश की उम्मीद की जा सकती है.


उन्होंने कहा कि कुल मिलाकर डोनाल्ड ट्रंप की जीत भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक बहुत ही सकारात्मक घटना है. मद्रास स्कूल ऑफ इकनॉमिक्स के निदेशक एन आर भानुमूर्ति ने कहा, 'मुझे संदेह है कि डोनाल्ड ट्रंप भारतीय उत्पादों पर शुल्क लगाएंगे, क्योंकि अमेरिका के लिए चिंता भारत को लेकर नहीं, बल्कि चीन के बारे में अधिक है.' दूसरी ओर कुछ विशेषज्ञों का मानना ​​है कि ट्रंप के व्यापार संरक्षणवादी विचारों का भारत के निर्यात पर कुछ नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है.


यह भी पढ़ें:-
शेख हसीना ने दी ट्रंप को जीत की बधाई, क्या अब बांग्लादेश में होगी पूर्व PM की वापसी