Donald Trump Case: अगले कुछ दिनों में डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के राष्ट्रपति पद की शपथ लेने वाले हैं. उससे पहले उन्हें हश मनी केस में राहत मिली है और अदालत ने उन्हें बिना शर्त बरी करने की सजा सुनाई है. वो अमेरिका के ऐसे पहले राष्ट्रपति होंगे जिसे अपराधी बनाया गया और सजा भी मिली लेकिन जेल जाने से और जुर्माना देने से बच गए.


दरअसल, निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को उनके आरोपों में दोषी तो पाया गया है, लेकिन उन्हें जेल या किसी भी तरह की सजा का सामना नहीं करना पड़ेगा, क्योंकि वे संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति निर्वाचित हो चुके हैं और 20 जनवरी को शपथ लेने जा रहे हैं.


राष्ट्रपति पद की शपथ लेने से पहले डोनाल्ड ट्रंप को मिली बड़ी राहत  


अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के तौर पर शपथ लेने से महज़ 10 दिन पहले ट्रंप को आपराधिक मामले में सज़ा सुनाई गई है. डोनाल्ड ट्रंप आधिकारिक तौर पर 20 जनवरी को अमेरिका के राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे. इस दौरान अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने ट्रंप की वो अपील भी ख़ारिज़ कर दी थी, जिसमें उन्होंने सज़ा को टालने की मांग रखी थी.


डोनाल्ड ट्रंप होंगे सजायाफ्ता नवनिर्वाचित राष्ट्रपति


न्यूयॉर्क के मैनहट्टन कोर्ट के जस्टिस जुआन एम मर्चेन ने डोनाल्ड ट्रंप को हश मनी केस मामले में पहले दोषी ठहराया था और अब उन्हें सज़ायाफ़्ता नवनिर्वाचित राष्ट्रपति बना दिया है. बिज़नेस रिकॉर्ड में धांधली को लेकर कुल 34 मामलों में डॉनल्ड ट्रंप पर दोष साबित हुए थे. जिसमें पॉर्न स्टार स्टॉर्मी डेनियल्स को चुप रहने के लिए पैसे देने का मामला शामिल है और इस लेनदेन को अपने बिज़नेस रिकॉर्ड में छिपाने का आरोप ट्रंप पर लगा है, हालांकि डोनाल्ड ट्रंप हमेशा से ही इन सभी आरोपों को ख़ारिज़ करते रहे हैं.


डोनाल्ड ट्रंप पर क्या था आरोप?


दरअसल साल 2016 में डोनाल्ड ट्रंप जब राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार बने और चुनावी मैदान में उतरे तो पॉर्न स्टार स्टॉर्मी डेनियल्स ने ट्रंप के साथ अपने निज़ी संबंधों को लेकर सार्वजनिक तौर पर बोलना शुरू कर दिया था. जिसका सीधा असर ट्रंप के चुनावी कैंपेन पर पड़ता नज़र आ रहा था. ट्रंप पर उस समय आरोप लगा था कि साल 2006 ट्रंप और स्टॉर्मी डेनियल्स अमेरिका के नेवादा में एक होटल में मिले थे, उस समय ट्रंप 60 साल के थे और डेनियल्स महज़ 27 साल की थीं. 2006 की इसी मुलाकात को लेकर अमेरिका में 2016 की शुरूआत में तरह तरह के सवाल खड़े हो रहे थे.


ट्रंप के ख़िलाफ़ मुकदमा चलाने वाले अभियोजन पक्ष ने दावा किया कि ट्रंप ने अपने पुराने दोस्त माइकेल कोहेन का इस्तेमाल किया, जो कि पेशे से वकील हैं. ट्रंप पर आरोप लगा कि माइकेल कोहेन के माध्यम से पॉर्न स्टार स्टॉर्मी डेनियल्स को चुप रहने के लिए 1 लाख 30 हज़ार अमेरिकी डॉलर का भुगतान किया गया. ट्रंप पर आरोप लगा कि इस कथित भुगतान को बिज़नेस रिकॉर्ड में धांधली कर छिपाया गया और इसके बदले इसे खर्चे को अन्य कानूनी खर्चों के तौर पर दिखाया गया. अमेरिकी मीडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक बिज़नेस रिकॉर्ड में हेराफेरी के जो 34 मामले ट्रंप के ख़िलाफ़ हैं, उनमें से 11 मामले वकील माइकेल कोहेन से जुड़े बिल के साथ हैं, 11 ही मामले चेक से संबंधित हैं और 12 मामले खातों के एंट्री से जुड़े हुए हैं.


क्या होता है हश मनी?


आपके मन में सवाल होगा कि आख़िरकार हश मनी का अर्थ क्या होता है, क्योंकि ट्रंप की सज़ा से हश मनी शब्द बार बार इस्तेमाल में आ रहा है. दरअसल हश मनी का मतलब होता है कि किसी के मुंह को बंद रखने के लिए पैसे देना या फिर अन्य लालच देना. कैम्बिज़ की डिक्शनरी के मुताबित हश मनी अर्थात वह धन जो किसी को कोई भी बात गुप्त रखने के लिए दिया जाता है.


इसी हश मनी का इस्तेमाल करने और फिर उसे छिपाने के आरोप में ट्रंप को सज़ा हुई है, जो कि डोनाल्ड ट्रंप के लिए बहुत ज़्यादा अपमानजनक स्थिति मानी जा रही है. हालांकि ट्रंप के सामने सज़ा के ख़िलाफ़ अपील करने का मौका अभी भी रहेगा, लेकिन इसमें कुछ महीनों या साल भर का समय भी लग सकता है. जस्टिस मर्चेन के फैसले के ख़िलाफ़ ट्रंप सबसे पहले मैनहट्टन कोर्ट के अपील डिवीज़न में सज़ा के ख़िलाफ़ याचिका दायर कर सकते हैं और फिर उसके बाद Albany कोर्ट ऑफ अपील में रिव्यू फाइल कर सकते हैं.


राष्ट्रपति चुनाव जीतकर बचे सजा से


लेकिन एक बात तो यह साफ है कि राष्ट्रपति बनने के बाद भी शायद ट्रंप खुद से जुड़े केस में खुद को माफ़ कर पाएं, क्योंकि हश मनी का केस State of New York बनाम डोनाल्ड जे ट्रंप है, ना कि यह अमेरिका की फेडरल सरकार की ओर से फाइल किया गया था. आमतौर पर अमेरिकी कानून के मुताबिक इस तरह के केस में 4 साल की सज़ा का प्रावधान है लेकिन ट्रंप को जेल जाने से राहत मिली है, इसके पीछे की वजह उनका राष्ट्रपति चुनाव जीतना बताया जा रहा है.


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