वॉशिंगटन: अमेरिका का राष्ट्रपति बनने के बाद ट्रंप ने पहली बार रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से एक घंटे तक फोन पर चर्चा की. व्हाइट हाउस ने इसे अमेरिका और रूस के बीच रिश्तों के सुधार की तरफ एक महत्वपूर्ण शुरुआत करार दिया. इसमें आगे कहा गया कि दोनों देशों के रिश्तों को ठीक करना काफी अहम है. इसी दौरान ट्रंप ने जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल, फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलोंद, ऑस्ट्रेलिया के पीएम मैलकॉम टर्नबॉल और जापानी पीएम शिंजो अबे से भी बातचीत की.
अमेरिका के यूरोपिय सहियोगी ट्रंप के इस्लामिक आतंकवाद के लड़ने से लड़ने के तरीके से सहमत नहीं है. फ्रांस के राष्ट्रपति और जर्मन चांसलर ने ट्रंप के मुस्लिम देशों के नागरिकों के अमेरिका प्रवेश पर बैन के फैसले का विरोध किया है. ऐसे में ट्रंप रूस को एक अहम सहियोगी के तौर पर देखते हैं.
मर्केल ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के लागू किए गए इस बैन पर कहा है कि आतंकवाद के खिलाफ जरूरी और साथ ही दृढ़ लड़ाई किसी भी रूप में एक खास धर्म के लोगों के खिलाफ सामान्य संदेह को सही नहीं ठहराती और इस मामले में यह खास धर्म इस्लाम है या एक खास पृष्ठभूमि के लोग हैं. उन्होंने आगे कहा, ‘‘मेरा मानना है कि यह रुख शरणार्थियों के लिए अंतरराष्ट्रीय मदद और अंतरराष्ट्रीय सहयोग के मूल सिद्धांतों के उलट है.’’
ट्रंप ने नाटो को अपना ध्यान रूस से हटाकर इस्लामिक खतरों पर डालने को कहा है. आगे बताया गया कि ISIS से लड़ने के लिए 30 दिन के भीतर एक नया प्लान तैयार किया जाएगा. इस प्लान का अहम हिस्सा उन सहियोगियों की पहचान होगी जो इस लड़ाई में अहम भूमिका निभा सकते हैं.
30 दिनों के भीतर ट्रंप लाएंगे ISIS के खिलाफ लड़ाई का नया प्लान
एबीपी न्यूज़
Updated at:
31 Jan 2017 09:17 AM (IST)
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