कोरोना वैक्सीन को लेकर डोनाल्ड ट्रंप का बड़ा एलान, राष्ट्रपति चुनाव से पहले मिल जाएंगे टीके!
अमेरिका में कोरोना वायरस की वैक्सीन बनाने का काम युद्ध स्तर पर चल रहा है. वैक्सीन जनता तक कब और कैसे पहुंचे इसकी भी तैयारियां अभी से ही शुरू हो गई हैं. इस वायरस से अमेरिका सबसे ज्यादा प्रभावित देश है. डोनाल्ड ट्रंप वैक्सीन को लेकर बड़ा एलान किया है.
वाशिंगटन: दुनिया में कोरोना वायरस का कहर बढ़ता ही जा रहा है. कई देशों के वैज्ञानिक वैक्सीन बनाने में लगे हैं ताकि इस महामारी को रोका जा सके. कई वैक्सीन का ट्रायल चल रहा है. इसी बीच डोनाल्ड ट्रंप ने बड़ा एलान कर दिया है. अमेरिकी राज्यों से 1 नवंबर से कोरोना वैक्सीन के वितरण के लिए तैयार रहने को कहा गया है. डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने राष्ट्रपति चुनाव से दो दिन पहले संभावित कोविड-19 वैक्सीन वितरित करने के लिए तैयार रहने की अपील की है. अमेरिका में 3 नवंबर को चुनाव होने हैं.
अमेरिकी स्वास्थ्य एजेंसी सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन (सीडीसी) के निदेशक रॉबर्ट रेडफील्ड ने 27 अगस्त को जारी किए गए एक पत्र में कहा, 'कुछ परमिटों को हासिल करने के लिए एक नॉर्मल समय की जरूरत है, जो कि तत्काल सार्वजनिक स्वास्थ्य कार्यक्रम की सफलता के लिए बाधा है. उन्होंने कहा कि सीडीसी इन कोरोना वैक्सीन के वितरण सुविधाओं के लिए आवेदनों में तेजी लाने में आपकी सहायता चाहता है.
सीडीसी और स्वास्थ्य विशेषज्ञों की एक सलाहकार समिति एक रैंकिंग व्यवस्था पर काम कर रही है, जिसके तहत प्रायोरिटी के आधार पर टीके लगाए जाएंगे. सीडीसी ने अमेरिकी राज्यों को एक वैक्सीन रोलआउट योजना से जुड़े दस्तावेज दिए हैं साथ ही यह भी कहा है कि उन्हें या तो लाइसेंस प्राप्त वैक्सीन के रूप में मंजूरी मिलेगी या फिर इमरजेंसी यूज ऑथराइजेशन के तहत मंजूरी मिलेगी.
व्हाइट हाउस का एलान, WHO के जरिए वैक्सीन बनाने-बांटने के वैश्विक प्रयासों से अलग रहेगा अमेरिका
दुनिया के 170 से ज्यादा देश ‘कोविड-19 ग्लोबस एक्सेस (कोवैक्स) फैसिलिटी’ पर बातचीत कर रहे हैं. ‘कोविड-19 ग्लोबस एक्सेस (कोवैक्स) फैसिलिटी’ का उद्देश्य सभी देशों को सामान रूप से वैक्सीन उपलब्ध कराना है. लेकिन अमेरिका ने कोरोना वायरस वैक्सीन के विकास, निर्माण और समान रूप से वितरित करने के वैश्विक प्रयास में शामिल होने से इनकार कर दिया है.
अमेरिका ने कहा कि वह वैक्सीन के बनाने और समान रूप से बांटने के वैश्विक प्रयास में शामिल नहीं होगा, क्योंकि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) इसमें शामिल है.
व्हाइट हाउस के प्रवक्ता जुड डीरे ने डब्ल्यूएचओ को भ्रष्ट बताते हुए कहा, 'कोरोना से लड़ने में अमेरिका अपने अंतरराष्ट्रीय भागीदारों की मदद करना जारी रखेगा. लेकिन हम भ्रष्ट विश्व स्वास्थ्य संगठन और चीन से प्रभावित बहुपक्षीय संगठनों द्वारा विवश नहीं होंगे.'
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