Doomsday Clock Clock Warning: रूस-यूक्रेन जंग के बीच डूम्सडे क्लॉक (Doomsday Clock) ने चेतावनी जारी की है कि दुनिया परमाणु युद्ध (Nuclear War) की नींद में चल रही है. डूम्सडे क्लॉक एक सांकेतिक घड़ी (Symbolic Clock) है, जिसके माध्यम से दुनियाभर के शीर्ष परमाणु वैज्ञानिक हर साल कयामत के दिन (Doomsday) यानी प्रलय का आंकलन जारी करते हैं. इस घड़ी के माध्यम से बताया जाता है कि परमाणु युद्ध और जलवायु परिवर्तन (Climate Change) जैसे संकटों से मानवता का अंत कितने निकट है.


एक एनजीओ 'बुलेटिन ऑफ द एटोमिक साइंटिस्ट्स' ने 1945 में डूम्सडे क्लॉक की स्थापना की थी. इसका उद्देश्य उन खतरों के बारे में याद दिलाते रहना है, जिनसे धरती पर जीवन को खतरा है. 


NGO ने क्या कहा?


एनजीओ के सहयोगी संपादक फ्रांस्वा डियाज-मॉरिन ने न्यूजवीक को बताया, ''स्पष्ट है, यूक्रेन जंग के दौरान और अब भी दुनिया परमाणु युद्ध की नींद में रही हो सकती है.'' इस घड़ी को पहली बार 1947 में सेट किया गया था. उसके बाद से इसे 24 बार रीसेट किया जा चुका है. अमेरिका और सोवियत संघ के बीच परमाणु हथियारों की दौड़ शुरू होने से दो साल पहले 1947 की मध्यरात्रि में घड़ी सात मिनट पर सेट की गई थी. इस घड़ी में मध्य रात्रि के 12 बजने का अर्थ है कि प्रलय का अंत बेहद करीब है या दुनिया में परमाणु युद्ध होने की आशंका 100 फीसदी है. 


पिछले 75 सालों में घड़ी 24 बार घूम चुकी है और अब तक के आंकड़े में शीत युद्ध के खत्म होने के बाद जनवरी 1991 की मध्यरात्रि से इसकी सुइयां सबसे दूर थी. तब वे आधी रात से सात मिनट दूर थीं.


2020 में तबाही से 100 सेकेंड दूर थी दुनिया!


2020 में मध्यरात्रि से इस घड़ी की सुइयां महज 100 सेकेंड दूर रह गई थी. इसका मतलब है कि संभावित वैश्विक तबाही बेहद निकट आंकी गई थी. घड़ी के इस बिंदू तक पहुंचने के लिए जो कारण बताए गए थे, उनमें जलवायु परिवर्तन, नए सिरे से परमाणु दौड़ का खतरा, सूचना युद्ध, अंतरिक्ष का सैन्यीकरण और हाइपरसोनिक हथियारों का विकास आदि विषय शामिल थे.


डूम्सडे क्लॉक ने ऐसे समय चेतावनी जारी की है जब जब संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी विश्व मौसम विज्ञान संगठन ने जलवायु परिवर्तन संबंधी रिपोर्ट जारी की है. जिसमें बताया गया है पिछले आठ वर्ष सबसे गर्म दर्ज किए जाने की ओर है. रिपोर्ट में ग्लोबल वार्मिंग के चलते ग्लेशियर पिघलने और समंदर का स्तर लगातार बढ़ने को लेकर चिंता जताई गई है और भविष्य के खतरों के प्रति आगाह किया गया है.


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