डा. राज अय्यर: अमेरिकी सेना में मुख्य सूचना अधिकारी का ओहदा संभालने वाले पहले भारतवंशी
अमेरिकी सेना में मुख्य सूचना अधिकारी के पद पर पहली बार किसी भारतीय को नियुक्त किया गया है. डा. राज अय्यर इस पद को संभालने वाले पहले भारतीय हैं. अब वह ऑफिस ऑफ द सेक्रेटरी ऑफ द आर्मी में मुख्य सूचना अधिकारी के तौर पर काम करते हुए डॉ. अय्यर सूचना प्रौद्योगिकी और सूचना प्रबंधन से जुड़े मामलों पर सेना के प्रधान सलाहकार होंगे.
नई दिल्लीः तमिलनाडु के रहने वाले सूचना विशेषज्ञ डॉ. राज अय्यर ने अमेरिकी सेना में मुख्य सूचना अधिकारी का पद हासिल कर दुनिया के सबसे ताकतवर देश और उसकी संबद्ध सेनाओं को सूचना और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में प्रतिद्वंद्वियों के मुकाबले बेहतर बनाए रखने की जिम्मेदारी संभाल ली है.
अमेरिकी सेना में मुख्य सूचना अधिकारी बना भारतीय
पिछले वर्ष जुलाई में सृजित किए गए तीन सितारा जनरल के ओहदे के बराबर के इस पद के महत्व का अंदाज इस बात से लगाया जा सकता है कि ‘ऑफिस ऑफ द सेक्रेटरी ऑफ द आर्मी’ में सीआईओ, जिसका मतलब है कि मुख्य सूचना अधिकारी के तौर पर काम करते हुए डॉ. अय्यर सूचना प्रौद्योगिकी और सूचना प्रबंधन से जुड़े मामलों पर सेना के प्रधान सलाहकार होंगे.
18 अरब डॉलर के बजट पर भी लेंगे फैसला
अमेरिकी सेना की ओर से अय्यर की नियुक्ति के मौके पर जारी एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया कि इस पद पर रहते हुए अय्यर सूचना प्रौद्योगिकी से जुड़े सामरिक मामलों के साथ ही साइबर सुरक्षा और क्लाउड मैनेजमेंट के प्रभारी होंगे. इसके साथ ही इस मद से जुड़े 18 अरब डॉलर के बजट के उचित नियोजन और निष्पादन के लिए अमेरिका और उसकी संबद्ध सेनाओं को प्रतिद्वंद्वियों के मुकाबले सूचना और प्रौद्योगिकीय रूप से बेहतर बनाने में योगदान देंगे.
बेंगलुरू में बीता बचपन
तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली में पैदा हुए डॉ. राज अय्यर का बचपन बेंगलुरू में बीता और उन्होंने त्रिची स्थित राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान से पढ़ाई करने के बाद आगे की शिक्षा के लिए अमेरिका का रुख किया. हालांकि उन दिनों विदेश में शिक्षा ग्रहण करना बहुत महंगा हुआ करता था और उनके पिता मनक्कल के. गणेशन की सारी जमा पूंजी से उनकी पढ़ाई के पहले सेमेस्टर की फीस ही भरी जा सकी.
यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सस से पूरी की पीएचडी
धुन के पक्के और शिक्षा के महत्व को बखूबी समझने वाले अय्यर ने जल्द ही अपनी पढ़ाई के लिए स्कॉलरशिप हासिल की और उसके बाद पीछे मुड़कर नहीं देखा. यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सस से पीएचडी करने से पहले उन्होंने इसी विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में स्नातकोत्तर किया और उसके बाद यूनिवर्सिटी ऑफ मिशिगन से बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में एमबीए किया.
अमेरिकी कंपनियों में किया काम
पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने विभिन्न अमेरिकी कंपनियों में काम किया और मुख्यत: सूचना प्रौद्योगिकी और सूचना प्रबंधन के क्षेत्र में अपनी सेवाएं दीं. इस दौरान वह सैन्य कंपनियों के शीर्ष पदों पर रहे और 26 साल के उनके करियर के दौरान उन्होंने सूचना प्रौद्योगिकी एवं डिजिटल स्तर पर सेना को मजबूत करने के उपाय सुझाने के साथ ही सामरिक रणनीति, नवाचार और आधुनिकीकरण से जुड़े मामलों के विशेषज्ञ के रूप में ख्याति प्राप्त की.
लेख और शोधपत्र हुए प्रकाशित
डॉ. राज अय्यर को विभिन्न पदों पर रहते हुए अपने कर्तव्यों के कुशल निर्वहन के लिए ‘मेरिटोरियस सिविलियन सर्विस अवार्ड’ और ‘इंटरनेशनल विलियम कोरनाय स्टैंडर्ड प्रफेशनल अवार्ड’ से नवाजा गया. इसके अलावा दुनियाभर में उनके दर्जनों लेख और शोधपत्र प्रकाशित हुए हैं. आशा है कि उनकी उपलब्धियों का यह सिलसिला आने वाले समय में इसी तरह आगे बढ़ता रहेगा.
अय्यर के पारिवारिक जीवन की बात करें तो उनकी पत्नी बृंदा अमेरिका सरकार में स्वास्थ्य देखरेख सूचना प्रौद्योगिकी कार्यक्रम प्रबंधक हैं. उनके दो पुत्रों में से बड़े पुत्र अश्विन अय्यर यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया में पढ़ाई कर रहे हैं, जबकि छोटे पुत्र अभिषेक अय्यर मैरीलैंड स्थित सेंटिनल हाईस्कूल में नौवीं कक्षा के छात्र हैं.
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