EAM Jaishankar: विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने 28 नवंबर को दिल्ली में पूर्व भारतीय क्रिकेटर मोहिंदर अमरनाथ की आत्मकथा ' फियरलेस ' के विमोचन समारोह में भाग लिया, जहां उन्होंने पाकिस्तान के प्रति भारत की विदेश नीति को समझाने के लिए क्रिकेट का उदाहरण दिया. कार्यक्रम में बोलते हुए जयशंकर ने 1982-83 में भारत-पाकिस्तान क्रिकेट दौरे पर पूछे गए एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि यह दौरा भारत के लिए चुनौतीपूर्ण था, क्योंकि भारतीय टीम छह टेस्ट मैचों की इस श्रृंखला को 3-0 से हार गई थी. जयशंकर ने भारत में क्रिकेट के विकास की तुलना हाल के दशकों में भारतीय नीति और भारत के विकास से की, उन्होंने 1983 में भारत की पहली क्रिकेट विश्व कप जीत को टर्निंग पॉइंट बताया.
जयशंकर ने दिल्ली में पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में कहा, "आपने कहा कि आपने उनके साथ बेहतर खेला, क्योंकि पारंपरिक स्थिति से हटकर अब आप खुले दिल से खेलने की स्थिति में आ गए हैं. मैं पाकिस्तान नीति का इससे बेहतर वर्णन नहीं कर सकता था." उन्होंने कहा, "सिर्फ़ हम ही नहीं, कई देशों ने विश्व कप जीता है. एक बार पाकिस्तान ने इसे जीता और एक बार श्रीलंका ने, लेकिन क्रिकेट के इतिहास में यह इतना बड़ा मोड़ था जितना कहीं और नहीं, क्योंकि, अगर आप 1983 के बाद विश्व क्रिकेट में भारत की भूमिका को देखें, तो यह मौलिक रूप से बदल गई."
'जल्दी आगे बढ़ो और देर से खेलो'
जयशंकर ने अपने साथियों को सलाह देने के लिए क्रिकेट का उदाहरण देते हुए कहा, "मेरे लिए, पूरी दुनिया तेज गेंदबाजों का एक समूह है जो मेरी ओर आ रहे हैं. यही सलाह मैं अपने साथियों को भी दूंगा - जल्दी आगे बढ़ो, देर से खेलो, अच्छी तरह से तैयारी करो, अनुमान लगाओ, उन्हें समझो और फिर खेलो."
मोहिंदर अमरनाथ की आत्मकथा फियरलेस का हुआ विमोचन
'फियरलेस' भारत के सबसे मशहूर क्रिकेट दिग्गजों में से एक मोहिंदर अमरनाथ की यात्रा को दर्शाता है, जिन्होंने 1970 के दशक में एक बल्लेबाज के रूप में अपना करियर शुरू किया था. महान क्रिकेटर लाला अमरनाथ के बेटे मोहिंदर ने अपने 20 साल के करियर में 4,000 से ज़्यादा रन बनाए. 1983 में भारत के विश्व कप जीतने वाले फ़ाइनल में उन्हें मैन ऑफ़ द मैच का पुरस्कार दिया गया था.