लंदन: वैज्ञानिकों का अनुमान है कि 2014 से 2023 तक का दशक 150 सालों के रिकॉर्ड में सबसे गर्म रह सकता है. साथ ही ऐसी आशंका जताई गई है कि अगले पांच सालों के लिए धरती की सतह का वैश्विक औसत तापमान औद्योगिकरण से पूर्व के तापमान स्तर से एक डिग्री सेल्सियस ऊपर रहेगा.
ब्रिटेन के मौसम विभाग की ओर से जारी इन आंकड़ों में अलग-अलग स्रोतों के डाटा शामिल हैं. इसमें 2018 के लिए अस्थायी आंकड़ों का प्रकाशन भी शामिल है. सालाना वैश्विक औसत तापमान के रिकॉर्ड साल 1850 के समय से उपलब्ध हैं.
ब्रिटेन मौसम विभाग के अनुमान के प्रमुख एडम स्केफ ने बताया, "2015 पहला साल था जब वैश्विक सालाना औसत तापमान औद्योगिकीकरण से पूर्व के तापमान स्तर से एक डिग्री सेल्सियस ज्यादा हो गया था और बाद के तीनों साल में तापमान इसी स्तर के करीब रहा."
स्केफ ने बताया, "वैश्विक औसत तापमान के अब से लेकर 2023 के बीच बढ़े हुए रहने का अनुमान है, जो शायद 2014 से इस दशक को 150 सालों के रिकॉर्ड में सबसे गर्म दशक बना सकता है." पिछले साल को विश्व भर में चौथे सबसे गर्म साल के तौर पर दर्ज किया गया था. उससे पहले 2015, 2016 और 2017, 169 सालों के रिकॉर्ड में तीन सबसे गर्म साल रहे.
जलवायु परिवर्तन के प्रभाव सतह के तापमान तक सीमित नहीं हैं. जलवायु तंत्र का गर्म होना कई तरह से नजर आता है जो जमीन, वातावरण, महासागर और बर्फ की परतों में हो रहे वैश्विक बदलावों की तस्वीर पेश करता है.
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