Earthquake In Afghanistan: अफगानिस्तान में तबाही वाला भूकंप-10 की मौत, सड़कों पर खड़े होकर लोगों ने गुजारी रात, पढ़ें अपडेट
पाकिस्तान के भूकंपीय निगरानी केंद्र ने बताया अफगानिस्तान में 6.8 तीव्रता का भूकंप आया. इसके बाद पहले से ही कई विनाशकारी भूकंप से पीड़ित अफगानिस्तान में लोगों की अपने घर में जाने की हिम्मत नहीं पड़ी.
Eartquake In Afghanistan: अफगानिस्तान में मंगलवार (22 मार्च) को देर रात आए 6.8 तीव्रता के भूकंप ने लोगों के मन में दहशत भर दी. भूकंप के झटके इतने तेज थे, लोगों को रात में घर में जाने की हिम्मत भी नहीं पड़ी.
इसके अलावा पाकिस्तान के भूकंपीय निगरानी केंद्र के सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तान के भी कुछ हिस्सों मे 6.5 तीव्रता का भूकंप आया. समाचार एजेंसी शिन्हुआ के मुताबिक, भूकंप के झटके मंगलवार शाम को आए. यूरोपियन मेडिटेरेनियन सीस्मोलॉजिकल सेंटर (ईएमएससी) के मुताबिक, भूकंप का केंद्र अफगानिस्तान के हिंदुकुश क्षेत्र में था.
A strong earthquake hit kabul , and as I struggled to reach out family after many attempts I finally managed to speak to them as They are still on streets and afraid to back to apartment as there has been announcements of 2nd and strong wave hitting Afghanistan, Pakistan and… pic.twitter.com/nbgcF4zXCd
— Nilofar Ayoubi (@NilofarAyoubi) March 21, 2023
फैजाबाद से 77 किमी की दूरी पर था ये भूकंप
ईएमएससी ने अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट में दावा किया, सरकार की साझा की गई प्रारंभिक रिपोर्ट में भूकंप का केंद्र अफगानिस्तान में फैजाबाद से 77 किमी दक्षिण पूर्व में था. भूकंप के ये झटके पेशावर, कोहाट और स्वाबी में भी महसूस किए गए. इसके अलावा लाहौर, क्वेटा और रावलपिंडी में भी ये झटके महसूस किए गए.
भूकंप के बाद भय का माहौल
अफगानिस्तान के स्थानीय पत्रकार के मुताबिक काबुल में भूकंप के झटके महसूस होने के बाद लोग घर से बाहर निकल आए. झटके इतने तेज थे लोगों की अंदर जाने की हिम्मत नहीं पड़ी. कई रिपोर्ट के मुताबिक लोगों ने पूरी रात सड़क पर ही जाग कर निकाली.
पाकिस्तान में भूकंप से 9 लोगों की मौत
पाकिस्तान के कुछ हिस्सों में मंगलवार को 6.8 तीव्रता का भूकंप आया, जिसमें नौ लोगों की मौत हो गई और 160 से अधिक लोग घायल हो गए. पाकिस्तान मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, भूकंप का केंद्र अफगानिस्तान के हिंदू कुश पर्वत श्रंखला में 180 किलोमीटर की गहराई में था.