Earthquake In Nepal: नेपाल में शुक्रवार (3 नवंबर) रात तेज भूकंप आया जिसमें कम से कम 128 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि हजारों लोग घायल हैं. सैकड़ों घर क्षतिग्रस्त हुए हैं. नेपाल में मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है. भूकंप के झटके पूरे उत्तर भारत से लेकर राजधानी दिल्ली-एनसीआर तक महसूस किए गए.


सूत्रों ने बताया है कि शुक्रवार रात भूकंप के बाद से लगातार राहत और बचाव कार्य शुरू किया गया. इमारतों के मलबे में कई लोगों के दबे होने की आशंका है जिसे हटाने का काम चल रहा है. कई घायलों को निकालकर अस्पताल पहुंचाया गया है जिनकी हालत गंभीर है.


10 बिंदुओं में हम आपको बताते हैं नेपाल में भूकंप ने किस कदर तबाही मचाई है. 


1.  शुक्रवार रात आए 6.4 तीव्रता के भूकंप के कारण करनाली प्रांत के जाजरकोट, रुकुम पश्चिम, सल्यान और अन्य जिलों में  जान माल का भारी नुकसान हुआ है. भूकंप में कम से कम 72 लोगों की मौत हो गई, 1000 से ज्यादा लोग घायल हुए और  करोड़ों की संपत्ति का नुकसान हुआ है.


2. प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड भूकंप प्रभावित क्षेत्र का दौरा कर रहे हैं. घायलों का इलाज आसपास के विभिन्न अस्पतालों में जारी है. सड़कें जाम हैं, भूस्खलन हुआ है और टेलीफोन टावर अवरुद्ध हो गए हैं.


3. जजरकोट जिले में नलगढ़ नगर पालिका की उप प्रमुख सरिता सिंह की भी भूकंप में मौत हो गई. स्थानीय सरकार, सुरक्षा एजेंसियां, राजनीतिक दल और स्थानीय युवा बचाव कार्य में सक्रिय हैं. 


4. जगह-जगह भूस्खलन, जानमाल के नुकसान का ब्योरा आना जारी है. सुरखेत और करनाली इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ साइंसेज से स्वास्थ्यकर्मी और दवाएं भेजने की तैयारी की है. 


5. प्रधानमंत्री प्रचंड ने सभी से राहत और बचाव में मदद की अपील की है. उनके साथ अन्य मंत्री और अधिकारी भी घटनास्थल पर मौजूद हैं. मलबे से घायलों को निकाल कर तुरंत अस्पताल पहुंचाया जा रहा है.


6. राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के अनुसार, रात लगभग 11:32 बजे आए भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 6.4 मापी गई है. भूकंप का केंद्र नेपाल में 28.84 डिग्री अक्षांश और 82.19 डिग्री देशांतर पर जाजरकोट जिले के रमीडांडा में था. यह 10 किमी. की गहराई पर था.


7. पिछले एक महीने में नेपाल में 6 से अधिक की तीव्रता वाला यह दूसरा भूकंप था. 3 अक्टूबर को देश में 6.2 तीव्रता का भूकंप आया था. शुक्रवार का भूकंप नेपाल में पिछले आठ सालों में सबसे शक्तिशाली था. इसके पहले अप्रैल 2015 में आए भूकंप में करीब 10,000 लोग मारे गए थे.


8. पिछले महीने 3 अक्टूबर को एक घंटे के भीतर चार बार भूकंप आया था, जिसका केंद्र पश्चिमी नेपाल में था. इसकी वजह से भारत के दिल्ली-एनसीआर, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, पंजाब और राजस्थान में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए. नेपाल में दहशत में घरों और दफ्तरों से निकले लोगों ने करीब 30 सेकेंड तक झटके महसूस करने की बात कही थी.


9. उस समय रॉयटर्स की एक रिपोर्ट में कहा गया था कि 17 लोग घायल हुए थे और कुछ घर क्षतिग्रस्त हो गए थे. रिपोर्ट में कहा गया कि इससे भूस्खलन भी हुआ जिससे राजमार्ग अवरुद्ध हो गया था.


10. विशेषज्ञों की मानें तो पिछले एक साल में भूकंप के झटकों में बड़े पैमाने पर बढ़ोतरी हुई है. कई भूगर्भ वैज्ञानिक आशंका जता चुके हैं कि भूकंप के छोटे-छोटे झटके किसी बड़े भूकंप का संकेत भी हो सकते हैं. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और NCR के क्षेत्र में भी हाल के दिनों में भूकंप के झटकों में बढ़ोतरी हुई है, जो चिंता का सबब है.


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