Tibet Earthquake Update: तिब्बत में मंगलवार (07 जनवरी, 2025) को 6.8 की तीव्रता के साथ आए भूकंप ने 126 लोगों की जान ले ली और हजारों घर तबाह हो गए. मंजर ऐसा कि हर तरफ मलबा ही मलबा दिखाई दे रहा. भूकंप का केंद्र माउंट एवरेस्ट से करीब 80 किलोमीटर (50 मील) उत्तर में था. भूकंप के झटकों से पड़ोसी देश नेपाल, भूटान और भारत में भी इमारतें हिल गईं.
चीन भूकंप नेटवर्क केंद्र ने भूकंप का केंद्र टिंगरी काउंटी में 10 किमी (6.2 मील) की गहराई पर बताया. इसे एवरेस्ट के इलाके का उत्तरी प्रवेश द्वार कहा जाता है. तिब्बत फायर एंड रेस्क्यू की ओर से जारी वीडियो में दिखाया गया है कि शिगात्से शहर में कई घर मलबे में तब्दील हो गए हैं. बचावकर्मियों ने एक तबाह घर के मलबे में तलाशी ली और एक घायल शख्स को बाहर निकाला.
150 से ज्यादा Aftershocks से कांपी धरती
टिंगरी के गांवों की औसत ऊंचाई लगभग 4,000 से 5,000 मीटर (13,000-16,000 फीट) है. भूकंप के दौरान तेज झटके महसूस किए गए, जिसके बाद 4.4 तीव्रता तक के 150 से अधिक Aftershocks महसूस किए गए. सोशल मीडिया पर जारी एक वीडियो में ल्हात्से कस्बे में भूकंप के बाद की स्थिति को दिखाया गया, जिसमें दुकानों का सामान टूटी पड़ा है और मलबा ही मलबा सड़कों पर फैला हुआ है.
हजारों घर हुए तबाह
न्यूज एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, भूकंप के केंद्र से 20 किलोमीटर (12 मील) के भीतर तीन कस्बे और 27 गांव हैं. इनकी कुल आबादी लगभग 6,900 है और 1,000 से ज्यादा घर तबाह हो गए. 1950 से अब तक ल्हासा ब्लॉक में 6 या उससे अधिक तीव्रता के 21 भूकंप आ चुके हैं, जिनमें से सबसे बड़ा भूकंप 2017 में मेनलिंग में आया था जो 6.9 तीव्रता का था.
क्या बोले चीन के राष्ट्रपति?
चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा कि हताहतों की संख्या को कम से कम करने और प्रभावित लोगों के पुनर्वास के लिए बड़े स्तर पर खोज और बचाव के प्रयास किए जाने चाहिए. वहीं, तिब्बत के आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा ने कहा कि वे बहुत दुखी हैं. उन्होंने एक संदेश में कहा, "मैं उन लोगों के लिए प्रार्थना करता हूं जिन्होंने अपनी जान गंवाई है और जो लोग घायल हुए हैं, उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं."
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