Earthquake in Tonga: टोंगा द्वीप में रविवार (30 मार्च) को 6.1 तीव्रता का भूकंप आया. यह उसी दिन का दूसरा भूकंप था. भूकंप की गहराई 10 किलोमीटर थी.
नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (NCS) ने एक्स पर एक पोस्ट में जानकारी दी. उन्होंने लिखा, 'भूकंप की तीव्रता: 6.1, तारीख: 30 मार्च 2025, समय: 20:34:58 IST, स्थान: टोंगा द्वीप, अक्षांश: 20.37°S, देशांतर: 174.16°W, गहराई: 10 किमी.'
पहले भी आया था भूकंप
इससे पहले उसी दिन, टोंगा द्वीप समूह में 7.0 तीव्रता का एक और बड़ा भूकंप आया. नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (NCS) के अनुसार, यह भूकंप 10 किलोमीटर की उथली गहराई पर आया था. NCS ने एक्स पर एक पोस्ट में जानकारी देते हुए लिखा था, 'भूकंप की तीव्रता: 7.0, तारीख: 30 मार्च 2025, समय: 17:48:48 IST, स्थान: टोंगा द्वीप, अक्षांश: 20.06°S, देशांतर: 174.04°W, गहराई: 10 किमी.'
उथले भूकंप होते हैं ज्यादा खतरनाक
उथले भूकंप गहरे भूकंपों की तुलना में अधिक खतरनाक होते हैं क्योंकि ये पृथ्वी की सतह के करीब होते हैं और ज्यादा ऊर्जा छोड़ते हैं. इससे जमीन ज्यादा हिलती है, जिससे इमारतों को नुकसान और जान-माल की हानि का खतरा बढ़ जाता है. वहीं, गहरे भूकंप जब सतह तक पहुंचते हैं तो उनकी ऊर्जा काफी कम हो जाती है.
हर साल आते हैं लगभग 200 भूकंप
टोंगा ट्रेंच वह जगह है जहां प्रशांत और ऑस्ट्रेलियाई प्लेटें मिलती हैं. इन प्लेटों की हलचल के कारण यह दुनिया के सबसे ज्यादा भूकंप आने वाले क्षेत्रों में से एक बन गया है. हर साल टोंगा के आसपास लगभग 200 भूकंप आते हैं.
इनमें से ज्यादातर भूकंप बहुत छोटे होते हैं, लेकिन बड़े भूकंप लगभग हर दस साल में एक बार आते हैं.7 या उससे ज्यादा तीव्रता वाले बहुत बड़े भूकंप (महान भूकंप) करीब सौ साल में एक बार आते हैं.इन भूकंपों का असर कई बार दुनिया के दूसरे हिस्सों में भी महसूस किया जा सकता है.भूकंप से निकलने वाली ऊर्जा पृथ्वी के अंदर ध्वनि तरंगों की तरह यात्रा करती है, जिसे सीस्मोमीटर नामक उपकरण से मापा जाता है।